खराब CIBIL Score वालों को High Court ने दिया राहत, बैंकों को दिए गए यह निर्देश, जान लीजिए काम का है यह खबर।

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Bad CIBIL Score : जब हम लोन लेने के लिए कहीं जाते हैं तो सबसे पहले हमारा सिविल स्कोर चेक किया जाता है। लोन लेने के लिए सिविल स्कोर एक अहम भूमिका निभाती है। आपको बता दे कि जब पैसे की जरूरत पड़ जाती है तो लोग बैंक या फिर ही किसी संस्था का सहारा लेते हैं और वहां से लोन के लिए अप्लाई करते हैं। इसके लिए आपके पास सिविल स्कोर अच्छा होना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि बैंक से लोन लेने के लिए सिविल स्कोर सबसे पहले चेक किया जाता है और उसके बाद ही यह टाइप किया जाता है कि आपको लोन मिलेगा या फिर नहीं मिलेगा। यदि सिविल स्कोर खराब होता है तो बैंक लोन आवेदन को खारिज कर देता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हाल ही में हाई कोर्ट की तरफ से सिविल स्कोर से जुड़े एक मामला में अहम फैसले को सुनाया गए हैं। आईए जानते हैं क्या है पूरा फैसला।

High Court Decision : खराब CIBIL Score वालों को हाईकोर्ट ने दिया रहता।

सिबिल स्कोर ऐसा होता है जो आपकी आर्थिक स्थिति के जानकारी देता है। इसे आसान शब्दों में समझा जाए तो आपके डेबिट, क्रेडिट कार्ड और देनदारी का ग्रेड सिस्टम सिविल स्कोर होता है। जब भी आप कहीं बैंक या फिर सरकारी संस्थान में लोन लेने के लिए जाते हैं तो सबसे पहले आपका CIBIL Score ही देखा जाता है। आपको बता दे की हाल ही में सिविल स्कोर को लेकर हाईकोर्ट के तरफ से एक अहम फैसला सुनाया गया है। फैसले में हाई कोर्ट की तरफ से टिप्पणी करते हुए कहा गया कि सिबिल स्कोर कम होने के बावजूद बैंक किसी का लोन आवेदन को रिजेक्ट नहीं कर सकते हैं।

आपको बता दे की छात्रों के तरफ से एक याद का हाई कोर्ट में अपील किया गया था जिसमें सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया की छात्रा कल के राष्ट्र निर्माता है उन्हें भविष्य में इस देश का नेतृत्व करना है। सिर्फ इसलिए की एक छात्र जो शिक्षक दिन के लिए आवेदक है उसका सिविल स्कोर कम है मेरा मानना है की छात्रा के शिक्षा दिन आवेदक को बैंक द्वारा आशीर्वाद नहीं किया जाना चाहिए।

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वकील के तरफ से कोर्ट में दिया गया दलील

लोन लेने के मामले में याचिका करता, जो एक छात्र है उन्होंने दो लोन लिए थे। जिनमें से एक लोन की राशि 16000 रुपए बकाया है। बैंक में दूसरे लोन माफ कर दिया था। इससे याचिका करता का सिविल स्कोर खराब हो गया। याचिका करता के वकीलों ने हाईकोर्ट में बताया कि अगर रकम तुरंत नहीं मिला तो याचिका करता को बड़ी परेशानी में का सामना करना पड़ेगा।

इस पर वकील के तरफ से तर्क करते हुए याचिका करता को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से नौकरी प्रस्ताव मिला है और इस प्रकार वह पूरी लोन राशि को चुकाने में सक्षम होगा। किस पर प्रतिवादी वकील ने दलील दी कि इस मामले में अंतरिक्ष पारित करना भारतीय बैंक संघ और याचिका करता द्वारा मांगी गई राहत के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्देशित योजना के खिलाफ होगा। वकीलों ने आगे या भी कहे की खास सूचना कंपनी अधिनियम 2005 और खास सूचना आज कंपनी अधिनियम 2006 और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारिक परिपत्र वर्तमान याचिका करता की स्थिति में लोन की राशि देने पर रोक लगाते हैं।

हाई कोर्ट की तरफ से वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य पर गौर करते हुए याचिका करता ने ओमान में नौकरी प्राप्त कर ली है कहां की सुविधाओं को संतुलन याचिका करता के पक्ष में होगा और शिक्षा लोन के लिए आवेदन केवल कम सिविल स्कोर के आधार पर ही खारिज नहीं कर सकते हैं।

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सिबिल स्कोर खराब होने पर नहीं मिलेगी नोकरी।

अगर आप बैंक में नौकरी करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दे की आपकी योग्यता और कड़ी मेहनत ही काफी नहीं होगा इसके लिए आपका सिविल स्कोर भी बहुत ही अच्छा होना चाहिए। जब सरकारी बैंक में नौकरी पाने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होना अति आवश्यक है।

बैंकिंग रिक्वायरमेंट एजेंसी इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन नेट बैंकिंग प्रतिभागियों को जरूरी योग्यता में बेहतर सिविल स्कोर की शर्त को भी जोड़ा है। उन्होंने कहीं है कि जिनके सिविल स्कोर 650 से कम होगा उनका बैंक में नौकरी नहीं मिलेगा। सिबिल स्कोर नहीं होने पर बैंक से NOC की जरूरत पड़ेगी और NOC नहीं होने पर ऑफर लेटर रद्द कर दिया जा सकता है।

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