Haryana News: हरियाणा सरकार ने गैर-प्रभावी कार्यशैली अपनाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों की समीक्षा के लिए विशेष कमेटियों का गठन किया जाएगा।
1. कमेटियों का गठन
सभी विभागों में समीक्षा कमेटियां बनाई जाएंगी, जो 50 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों के प्रदर्शन और कार्यशैली का आकलन करेंगी।
2. लिटिगेशन पॉलिसी की तैयारी
बैठक में यह भी बताया गया कि कर्मचारियों से जुड़े मामलों में सुधार लाने के लिए जल्द ही एक लिटिगेशन पॉलिसी तैयार की जाएगी। इस पॉलिसी का उद्देश्य कर्मचारियों से जुड़े विवादों को कम करना और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को अधिक सुचारू बनाना है।
3. 2019 की पॉलिसी में संशोधन
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2019 में कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर पॉलिसी में संशोधन किया था। इसका उद्देश्य ऐसे कर्मचारियों को जबरन रिटायर करना था, जो 50 साल की उम्र के बाद भी अपने कार्यों में निष्क्रिय रहते हैं या ढुलमुल रवैया अपनाते हैं।
इससे होने वाले प्रभाव
इस कदम से सरकारी विभागों और कार्यालयों में कामकाज की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह नीति कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करेगी। साथ ही, प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता और कुशलता लाने में मदद मिलेगी।
हरियाणा सरकार ने सरकारी विभागों, बोर्डों, और निगमों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और प्रदर्शन को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। जो कर्मचारी अपने काम के प्रति ढुलमुल रवैया अपनाते हैं या जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (फोर्स्ड रिटायरमेंट) दी जा सकती है।
यह निर्णय उन कर्मचारियों को एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो अपने कार्यों में ढिलाई बरतते हैं। साथ ही, यह पहल प्रदर्शन-आधारित कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करेगी।