Supreme Court Decision on Property : अगर आप भी अपने घर को किराए पर लगाए हुए हैं लेकिन किरदार आपको 3 वर्ष से किराया नहीं दिए हैं तो आप सभी लोगों के हक में सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही बड़ा फैसला सुनाया है। ऐसे में आप सभी लोगों को जान लेना बहुत ही जरूरी है। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Supreme Court Decision on Property : मकान मालिक को सुप्रीम कोर्ट ने दिए राहत
आप सभी को बता दें कि एक किराएदार एक 3 वर्ष से किराया नहीं दे रही थे। जब मकान मालिक किरदार को 3 वर्ष से किराया नाम देने का वजह पूछा तो किरदार मकान मालिक से लड़ाई झगड़ा करने लगे। ऐसे में मकान मालिक किरदार से घर को खाली करने के लिए कहे लेकिन किरदार घर को खाली करने में आनाकानी करने लगे हैं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिए हैं। ऐसे में अब कोर्ट ने मकान मालिक को राहत देते हुए किरदार को राहत देने से मना कर दिए हैं।
वही कोर्ट ने एक टिप्पणी की जिसके घर शीशे के होते हैं। वह दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं मारते हैं ऐसे में अब किरदार को इसमें झटका लगा है तो मकान मालिक को काफी राहत मिली है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने किरदार को मकान मालिक को किराया देने का आदेश दिए हैं।
Supreme Court Decision on Property : खाली करनी पड़ेगी प्रॉपर्टी
आप सभी को बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के जज रोहिंग्टन एफ नरीमन की अध्यक्षता में तीन सदस्यिय बैंच के कैसे सुनाए हैं। वही कोर्ट ने किरदार दिनेश को किसी भी प्रकार की राहत देने से मना कर दिए हैं। वहीं इसके साथ ही प्रॉपर्टी खाली करने के आदेश दिए हैं। वही जल्द से जल्द बकाया राशि जमा करने के आदेश दिए हैं।
बकाया किराया जमा करने के लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं
बता दें की अदालत में किरदार के अधिवक्ता दुष्यंत ने बैच से बकाया किराया जमात करने के लिए समय मांगे थे। वहीं अदालत ने किसी भी प्रकार का समय देने से मना कर दिए हैं। और अदालत ने कहा कि इस केस में जिस प्रकार से उन्होंने प्रॉपर्टी मलिक को पहचान किए हैं। ऐसे में कोई राहत कोर नहीं दे सकते हैं। वहीं अदालत ने प्रॉपर्टी खाली करने के साथ-साथ जल्द से जल्द भुगतान के आदेश दिए हैं।
हर जगह से केस हार गए किरदार
बता दे कि इस केस में एक किरदार ने 3 वर्ष का प्रॉपर्टी का किराया नहीं दिए थे। जब परिसर खाली करने को कहे तो किरदार प्रॉपर्टी खाली भी नहीं करना चाहते थे। अब ऐसे में प्रॉपर्टी मलिक ने कोर्ट का रुख किया वही निचली अदालत ने मकान मालिक के पक्ष में फैसला देते हुए किरदार को प्रॉपर्टी खाली करने और किराया जमा करने के आदेश दिए। वही दो महीना में दुकान खाली करने को कह गए साथ ही वाद दाखिल होने से लेकर प्रॉपर्टी खाली करने तक 35000 रुपए प्रति महीने के हिसाब से किराया देने के आदेश दिए। लेकिन किरदार ने यह नहीं माने।
वही फिर मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी मकान मालिक के पक्ष में फैसला सुनाए। ऐसे में किरदार को ₹900000 जमा करने का 4 मा का टाइम दिए। वहीं इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में किरदार पहुंचे हैं तो कोर्ट ने किरदार की याचिका को खारिज कर दिए साथ ही मकान मालिक के पक्ष में फैसला दिए हैं।