Haryana News: हरियाणा सरकार का यह निर्णय स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के प्रति सम्मान और उनके कल्याण के प्रति एक सराहनीय कदम है। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों की विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों को पेंशन का लाभ मिलेगा। हालांकि, इसके लिए एक शर्त रखी गई है कि महिलाओं की आय का कोई अन्य स्रोत नहीं होना चाहिए।
पेंशन से मिलेगी आर्थिक मदद
इसका उद्देश्य उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों से जुड़ी हैं और किसी अन्य आय स्रोत से वंचित हैं। यह योजना उन महिलाओं को राहत प्रदान करेगी, जिनके पास जीविका का कोई अन्य साधन नहीं है।
इस प्रकार की योजनाएं न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भी सम्मानित करती हैं। इससे समाज में उनकी विरासत को सहेजने का संदेश भी जाता है।
दिव्यांग और अविवाहित पुत्रों को मिलेगी पेंशन
हरियाणा सरकार का यह कदम सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण पहल है। 12 जून 2009 को जारी किए गए पूर्व दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए अब दिव्यांग अविवाहित और बेरोजगार पुत्रों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया गया है।
यह निर्णय दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया गया है। यह उन परिवारों के लिए राहत लेकर आएगा, जिनके दिव्यांग पुत्र किसी कारणवश रोज़गार पाने में असमर्थ हैं और जिनका आर्थिक आधार कमजोर है।
जीवन में आएगी स्थिरता
इस संशोधन से न केवल दिव्यांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि यह उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा भी प्रदान करेगा। यह फैसला दिव्यांगजनों के कल्याण की दिशा में राज्य सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हरियाणा सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए एक और बड़ा कदम उठाया है। अब 75 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले अविवाहित और बेरोजगार पुत्रों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत, दिव्यांगता के आधार पर उन बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यह फैसला दिव्यांगजनों के अधिकारों और उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा और प्रगतिशील कदम है। इससे न केवल उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा, बल्कि समाज में उनके प्रति संवेदनशीलता और समानता का संदेश भी जाएगा।