Old Note Price : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की गुरुवार रात को मृत्यु हो गई। उनका निधन 92 वर्ष की उम्र में हुआ। लेकिन आपको बता दे कि आरबीआई गवर्नर और वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह रह चुके थे। इस तरह के वह देश के पहले इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनके हस्ताक्षर देश के नोट पर था।
बता दे क्यों 1976 में वित्त सचिव जब मनमोहन सिंह को बनाया गया था वह ₹1 के नोट पर वित्त सचिव के रूप में हस्ताक्षर किए थे। मनमोहन सिंह 16 सितंबर 1982 से 14 जनवरी 1985 तक आरबीआई के गवर्नर रहे। ₹1 के छोड़कर बाकी सभी के इंडियन करेंसी नोट पर आरबीआई गवर्नर के साइन होता है। बता दे कि मनमोहन सिंह के निधन की खबर होते ही लोग उनके साइन वाले नोट को तुरंत खरीदने लगें। यह नोटों की कीमत लाखों रुपए में चल रही है आईए जानते हैं कौन से नोट बिक रहे हैं।
Old Note Price : डॉ मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट की कीमत लाखों रुपए में।
बता दे की बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जिन्हें एंटीक चीज या यूनीक चीज रखना पसंद होता है। इसी प्रकार डॉक्टर मनमोहन सिंह साइन के नोट खरीदने वाले इस एंटीक मान रहे हैं। लगातार इस नोट की डिमांड बढ़ती जा रही है। डॉ मनमोहन सिंह के साइन किए गए 16 नोटों का सेट ₹12500 में मिल रहा है लेकिन यह भी केवल एक ही स्टॉक बाकी है। बता दे की ₹1 के पांच नोट, ₹2 के तीन नोट, ₹5 के दो नॉट ₹10 के तीन नोट और ₹20 ₹50 और ₹100 के एक-एक नोट है।
डॉ मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट हैं तो बनेंगे लखपति
अगर आपके पास भी डॉक्टर मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट मौजूद हैं तो आपको लखपति बनने का चांस मिल रहा है। बता दे कि अगर आपके पास ₹1 की कीमत वाली डॉक्टर मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट हैं तो इसके ₹300 मिल रहे हैं। इसी प्रकार और भी बड़े नोट हैं तो ठीक उसी के हिसाब से लाखों में दम मिल रहे हैं। बहुत सारे ऐसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म है जहां पर ऐसे नोट बिक रहे हैं। आप भी भेज सकते हैं अगर आपके पास डॉक्टर मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट हैं तो आप eBay के ऑफिसियल वेबसाइट के माध्यम से इस सिक्के को बेच सकते हैं।
डॉ मनमोहन सिंह को इकोनामी का डॉक्टर भी कहा जाता है?
बता दे कि मनमोहन सिंह को ऐसे समय में वित्त मंत्री बनाया गया था जब देश की इकोनामिक बहुत कमजोर हो गई थी और नाजुक दौड़ में चल रही थी। देश का सोना विदेश में गिरवी रख्या गया था और आयात के लिए भुगतान के लिए केवल दो सप्ताह लायक विदेशी भंडार बचा ही था। डॉ मनमोहन सिंह ने जुलाई 1991 में एक ऐसा ऐतिहासिक बजट को पेश किया जिसने भारतीय इकोनॉमी को दिशा बदल दी और हमारे देश तरक्की की राह पर चल पड़ा। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी देश बन चुका है और जल्द ही तीसरे नंबर पर पहुंचने वाली है।