MP News: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों से उनकी संपत्ति का ब्यौरा जमा करने को कहा है। इसके लिए 31 जनवरी की डेडलाइन भी दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों को 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा जमा करने के निर्देश दिए हैं।
MP के सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी सूचना! 31 जनवरी से पहले करें ये काम
अधिकारियों और कर्मचारियों को तय प्रारूप में अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी। इसमें उन्हें बताना होगा कि वे वर्तमान में किस पद पर हैं और उनका वेतन कितना है।
प्रारूप में कर्मचारियों को यह बताना होगा कि उनके और उनके परिवार के नाम पर कितनी अचल संपत्ति है और क्या ये संपत्तियां उनके द्वारा अर्जित की गई हैं या पुश्तैनी हैं? अगर कर्मचारी ने खुद संपत्ति अर्जित की है तो उसका भुगतान कैसे किया गया है और खरीदारी के समय और वर्तमान में संपत्ति की कीमत क्या है? यह सारी जानकारी तय प्रारूप में देनी होगी।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य है, जिसकी शुरुआत साल 2010 में हुई थी।
मध्य प्रदेश सरकार ने अपने सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का ब्योरा जमा कराने को कहा है। यह प्रक्रिया हर साल की जाती है, जिसे 2010 से अनिवार्य कर दिया गया है। कर्मचारियों को निर्धारित प्रारूप में अपनी संपत्ति की पूरी जानकारी देनी होगी, जिसमें उनकी वर्तमान स्थिति, वेतन और परिवार के नाम पर संपत्तियों का ब्योरा शामिल होगा।
साथ ही यह भी जानकारी देनी होगी कि उक्त संपत्तियां स्वअर्जित हैं या पैतृक। अगर संपत्ति स्वअर्जित है तो उसके भुगतान का तरीका, खरीद का समय और वर्तमान मूल्य की जानकारी भी जमा करानी होगी। आदेश के मुताबिक राज्य में सरकारी कर्मचारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य है। यह पहल 2010 में शुरू की गई थी और इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि कर्मचारियों की संपत्ति पर पूरी पारदर्शिता रहे।