Haryana News: हरियाणा सरकार की यह पहल समाज के जरूरतमंद वर्गों को राहत देने की एक बड़ी योजना है। थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों और उनके परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना न केवल उनकी कठिनाइयों को कम करेगा, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगा।
योजना जुडी जरूरी बातें
1. पात्रता शर्तें
मरीज की सालाना पारिवारिक आय 3 लाख रुपये तक होनी चाहिए। लाभार्थी हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और कम से कम 3 साल से राज्य में निवास कर रहा हो। 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीज इस योजना के तहत विकलांग पेंशन के पात्र होंगे।
2. लाभार्थियों की संख्या
योजना का लाभ 2083 मरीजों को मिलेगा। जिनमें से 1300 थैलेसीमिया और 783 हीमोफीलिया के मरीज हैं।
3. वित्तीय खर्च
हरियाणा सरकार इस योजना पर हर साल 7.5 करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रत्येक मरीज को मासिक 3,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।
4. कानूनी आधार
योजना को लागू करने के लिए “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016” में संशोधन किया गया है।
योजना का महत्व
यह कदम उन मरीजों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जो इन बीमारियों के कारण आर्थिक और मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। नियमित पेंशन से न केवल उनकी चिकित्सा संबंधी जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि यह उनके आत्मसम्मान और जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा।
सरकार का यह प्रयास न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बल्कि समाज में समानता और देखभाल की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।
हरियाणा सरकार का यह कदम थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए एक सकारात्मक और स्वागत योग्य पहल है। इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को नियमित उपचार और देखभाल की आवश्यकता होती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर भारी बोझ डाल सकता है।
हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन प्रदान करने का यह निर्णय न केवल मरीजों को वित्तीय सहायता देगा, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करेगा। यह पहल इन बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में समानता सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।