हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कर दी घोषणा, अब यह सड़क भी बनेगी फोरलेन

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Haryana News:हरियाणा के फरीदाबाद जिले के तिगांव विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर एक बड़ी पहल की गई है। आगरा नहर सेक्टर 8 से गांव घरोरा तक एमआईटीसी मुख्य चैनल के उपलब्ध आरओडब्ल्यू के भीतर चार लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस सड़क निर्माण से क्षेत्र के लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी और कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे स्थानीय विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

ग्रामीणो रखा था प्रस्ताव

एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आगरा नहर से गांव घरोरा तक चार लेन सड़क के निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इस संबंध में भारत सरकार के राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री राजेश नागर, पूर्व मंत्री एवं विधायक मूलचंद शर्मा, और आसपास के ग्रामीणों ने इस सड़क के निर्माण का प्रस्ताव रखा था। इस परियोजना पर लगभग 81 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह सड़क क्षेत्र के लोगों की यातायात समस्याओं को दूर करने और विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

3 सेक्टर भूमि का हुआ अधिग्रहण

सरकारी प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना के संबंध में गुरुग्राम सर्कल, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर शाखा के अधीक्षण अभियंता ने बताया था कि एचएसएमआईटीसी ने फरीदाबाद में लगभग 30 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। इस भूमि पर एक मुख्य चैनल का निर्माण किया गया था, जिसे एमआईटीसी चैनल नंबर 1 के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में फीडर चैनल का भी निर्माण किया गया, जिन्हें एमआईटीसी चैनल नंबर 1 और 2 कहा जाता है। यह चैनल क्षेत्र में जल प्रबंधन और विकास योजनाओं का आधार बने हुए हैं।

बनेंगे नए IMTC चैनल

फरीदाबाद जिले में बनाए गए एमआईटीसी चैनल नंबर 1 और अन्य चैनलों को औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25-0 के तहत 30 जून 2002 को भारी नुकसान के कारण बंद कर दिया गया था। इसके बाद से, ये चैनल अनुपयोगी स्थिति में छोड़ दिए गए हैं। 30 जून 2002 के बाद से, चैनल की कुछ भूमि पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। एमआईटीसी चैनल नंबर 1 की 13.490 किलोमीटर लंबाई और 23.46 मीटर चौड़ी पट्टी के साथ लगभग 30 हेक्टेयर भूमि इस स्थिति से प्रभावित है। यह भूमि अब पुनर्विकास और सड़क निर्माण जैसी विकास परियोजनाओं के लिए उपयोग में लाई जा रही है।

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