EPFO New Rules : ईपीएफओ के जितने भी सब्सक्राइबर्स हैं उनके लिए एक बड़ी खबर है। बता दे की ईपीएफओ की तरफ से PF ट्रांसफर से लेकर ऑनलाइन करेक्शन तक के नियम को बदल गया है। आईए जानते हैं पूरी खबर।
EPFO New Rules
केंद्रीय भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 7 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के लिए यह खबर बहुत ही महत्वपूर्ण है। बता दे की ईपी को सब्सक्राइबर्स को अब नियुक्ति द्वारा किसी सत्यापन या ईपीएफओ की मंजूरी के बगैर भी जन्मतिथि, नाम और व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन बदलाव कर सकते हैं।
इसके अलावा ईपीएफओ ई-केवाईसी (EPFO E-KYC) ePF खाता आधार से जुड़े हुए वाले सदस्य, नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना ही आधार ओटीपी के साथ सीधे अपने ऐप हस्तांतरण दावे ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री के तरफ से किया गया शुरुआत।
बता दे कि केंद्रीय श्रम रोजगार मंत्री मनसुख मांडवीया के तरफ से शनिवार को ईपीएफओ की इन दोनों नई सेवाओं को शुरुआत कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री के तरफ से ईपीएफओ सदस्यों द्वारा दर्ज लगभग 27 प्रतिशत शिकायत सदस्य केवाईसी मुद्दों से संबंधित और इस सुविधा के शुरू होने के बाद इन शिकायतों में उल्लेखनीय रूप से गिरावट देखी जाएगी। उन्होंने यह भी कहे कि कर्मचारियों के व्यक्तिगत विवरण में संशोधन के अनुरोध का लाभ भी भारी कार्य बल वाले बड़े नेताओं को भी होगा।
और भी सरल हो गई प्रक्रिया
श्रम मंत्री की तरफ से यह भी कहा गया कि ईपीएफओ ने ईपीएफओ पोर्टल पर संयुक्त घोषणा किए हैं इसके बाद भीम और भी सरल कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों का नाम, राष्ट्रीयता, वैवाहिक स्थिति, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, पति का नाम, पत्नी का नाम, कामकाजी संगठन से जुड़ने और छोड़ने की तिथि जैसे व्यक्तिगत जानकारी में होने वाली आम त्रुटियां को भी खुद से सुधार करने की मौका मिलेगी। इसके लिए नियोक्ता द्वारा किसी सत्यापन या ईपीएफओ द्वारा मंजूरी की जरूरत रह गई है ऐसे मामले में किसी सहयोगी दस्तावेज को भी जरूरत नहीं है।
किन लोगों को मिलेगी यह सुविधाएं
बता दे कि यह सुविधा उन सदस्यों को मिलने वाली है, जिनका यूएएन नंबर 1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी किया गया था। यूएएन नंबर अगर 1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी किया गया था तो वह नियोक्ता उपयोग की मंजूरी के बिना भी विवरण को अपने आप सुधार कर सकते हैं। ऐसे मामले के लिए सहयोगी दस्तावेज की जरूरत और भी सरल कर दिया गया है।
इसके अलावा मंत्री की तरफ से बताया गया कि उन मामलों में जहां यूएएन को आधार से नहीं जोड़ा गया है वहां किसी भी सुधार को नियोक्ता को समझ फिजिकली रूप से प्रस्तुत होना होगा और वेरिफिकेशन के बाद ही फिर मंजूरी दिया जाएगा।
आप सभी को बता दे की यूएएन रजिस्ट्रेशन नियुक्ति द्वारा कर्मचारियों के लिए शुरूआत में किए जाते हैं। कई कर्मचारियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान या बाद में पिता पति का नाम, वैवाहिक स्थिति, सेवा और राष्ट्रीयता विवरण दर्ज करने में नियुक्ताओं के द्वारा गलतियां किया गया है। इन सभी त्रुटियों को ठीक करने के लिए कर्मचारियों को सहायक दस्तावेज के साथ-साथ ऑनलाइन अनुरोध करना पड़ता था। लेकिन इस अनुरोध को नियोक्ता द्वारा सत्यापित किया जाता था और उसे अनुमोदन के लिए ईपीएफओ को भी भेजा जाता था इस प्रक्रिया को संयुक्त घोषणा कहा जाता था।
पैटर्न को समझे
वित्त वर्ष 2024 25 में नियुक्ताओं के द्वारा ईपीएफओ को भेजे गए 8 लाख अनुरोध हो में से ऐसा देखने को मिला है कि केवल 40% अनुरोध ही 5 दिनों के भीतर भेजे गए हैं जबकि 47% अनुरोध 10 दिन के बाद भेजा गया था। इसमें नियोक्ता द्वारा लिया गया औसत समय 28 दिन का था। इस सरलीकरण से 45% मामलों में कर्मचारी आधार ओटीपी सत्यापन के जरिए निजी सूचनाओं में तत्काल सुधार कर सकेंगे। शेष 50% मामले में नियोक्ता के माध्यम से सुधार किया जाएगा।