Ancestral Property : विरासत में मिली संपत्ति को कानूनी रूप से अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया विवाद की आशंका पर निर्भर करते हैं। बता दे की विशेषज्ञों का कहना है कि आंचल संपत्ति के मालिक की मृत्यु के बाद कानूनी उतराधिकारियों के लिए इसे अपने नाम करना बहुत ही आवश्यक है।
वहीं इससे संपत्ति मालिकाना हक को स्पष्ट किया जा सकते हैं। बता दें कि इस प्रक्रिया में उचित डॉक्यूमेंटो, गवाहों और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना बहुत ही जरूरी होता है। ऐसे में लिए जानते हैं पूरी जानकारी विस्तार से।
Ancestral Property : संपत्ति हस्तांतरण की यह प्रक्रिया
आप सभी लोगों को बता दें की संपत्ति हस्तांतरण की यह प्रक्रिया सिर्फ पंजीकरण मात्र से नहीं हो जाता है। बल्कि इसके लिए आपको दाखिल खारिज भी करवाना बहुत ही जरूरी होता है। तभी आपका मालिकाना हक पूरा होता है। बता दे कि यह संपत्ति, कानूनी उत्तराधिकारियों की संख्या और अन्य वजहों पर निर्भर करते है की इसके लिए क्या प्रक्रिया होंगे।
Ancestral Property : पैतृक संपत्ति को ऐसे करवाए अपने नाम
बता दे की पैतृक संपत्ति को अपने नाम करने के लिए संपत्ति पर अधिकार और उत्तराधिकार का सबूत प्रस्तुत करने होते है। वही कोई वसीयत होने से प्रक्रिया आसान हो जाते हैं लेकिन वसीयत कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ है तो उसे कोर्ट में चुनौती दिए जा सकते हैं। वही संपत्ति विरासत में प्राप्त होने से पहले किसी को मालिकाना हक नहीं दे सकते हैं। बता दे की उत्तराधिकार कानून लागू होता है। वहीं अगर संपत्ति विरासत में प्राप्त है।
Ancestral Property : वसीयत ना होने पर समस्याएं ज्यादा
बता दें कि अगर वह कोई वसीयत नहीं है तो सबसे बेहतर होता है कि कानूनी उत्तराधिकारी आपस में सहमति से इसका बंटवारा कर लें। वही लॉ फर्म सिंह एंड एसोसिएट्स के संस्थापक साझेदारी मनोज के सिंह का कहना है कि परिवार के बीच हुए इस बंटवारे को फैमिली सेटलमेंट की तरह सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में पंजीकृत करना जरूरी है। वहीं इसके लिए संपत्ति के मालिकाना हक संबंधित डॉक्यूमेंट होने बहुत ही जरूरी है।
वसीयत ना होने पर एक हलफनामा देना है बहुत जरूरी
बताने की वसीयत ना होने पर एक हलफनामा तैयार करना होगा जिससे सभी कानूनी वारिस या उत्तराधिकारियों का अनापत्ति प्रमाण पत्र होना जरूरी है। वहीं अगर अपने आंचल संपत्ति के सेटलमेंट के लिए किसी उत्तराधिकारी को कोई नगदी दिए हैं तो उसका उल्लेख भी ट्रांसफर डॉक्यूमेंट में जरूर करें।
प्रॉपर्टी पर होम लोन है तो चुकाना होगा
बता दें कि अगर जो प्रॉपर्टी आपका नाम होने जा रहे हैं। तो उस पर कोई होम लोन है तो आपको बाकी का पैसा चुकाना पड़ेगा। वहीं बकाए का भुगतान होते ही बैंक लोन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के साथ आपको संपत्ति से जुड़े मूल डॉक्यूमेंट दे देते हैं। हालांकि अगर मृतक ने होम लोन इंश्योरेंस ले रखे हैं तो इसकी जरूरत नहीं पड़ते है।
संपत्ति के पंजीकरण के बाद उसका दाखिल खारिज भी करवाना है बहुत जरूरी
बता दे की संपत्ति के पंजीकरण के बाद उसका दाखिल- खारिज करवाना भी बहुत जरूरी हो जाता है। वही यह राजस्व विभाग के आंकड़ों में किसी आंचल संपत्ति का एक नाम से दूसरे नाम पर ट्रांसफर पर दर्ज करने के लिए आवश्यक है। वहीं पर पार्टी टैक्स के भुगतान के लिए भी यह जरूरी होता है साथ ही उसे संपत्ति के साथ पानी, बिजली जैसे कनेक्शन भी दूसरे के नाम जुड़े होते हैं।
वही उनके लिए भी दाखिल – खारिज आपका नाम होने चाहिए। बता दें कि इसके लिए अपने नगर या पंचायत निकाय से संपर्क करें वही हर राज्य में दाखिल खारिज का शुल्क भी अलग-अलग होता ह।
प्रॉपर्टी लीज पर है तो सरसों का पालन करना है बहुत जरूरी
बता दे की प्रॉपर्टी लीज पर देने के मामले में लीज देने वाले व्यक्ति को लीज के अनुसार कानूनी दायित्वों का पालन करना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि यदि कोई कानूनी उत्तराधिकारी लीज को जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें लीज लेने वाले के साथ एक नया करार करना होता है। ताकि लीज के सभी नियम और शर्तें अद्यतन हो सके।