Haryana News: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की योजना राज्य और दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए वाकई एक बड़ी उपलब्धि है। इस परियोजना से न केवल हरियाणा के अलग-अलग जिलों को जोड़ा जाएगा, बल्कि यह दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक को भी कम करने में सहायक होगी।
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के प्रमुख लाभ
1. यात्रा समय में कमी: इस नई रेलवे लाइन से हरियाणा के कई शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे यात्रा का समय बचेगा।
2. ट्रैफिक में राहत: दिल्ली-एनसीआर के रोड नेटवर्क पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे लोगों को यातायात जाम से राहत मिलेगी।
3. औद्योगिक विकास: रेलवे लाइन से जुड़े औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
4. पर्यावरण संरक्षण: सड़क यातायात में कमी आने से प्रदूषण भी कम होगा, जो पर्यावरण के लिए लाभदायक होगा।
126 किलोमीटर होगी नई रेलवे लाइन
इस परियोजना के जल्द पूरा होने से हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के लोगों की जिंदगी में काफी सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार बात करें तो इस परियोजना का सेक्शन A धुलावट से बादशाह तक बनाया जाएगा। यह रेलवे लाइन 126 किलोमीटर लंबी बनाई जाएगी जिसको बनाने में कुल लागत 5700 करोड रुपए की अनुमानित बताई जा रही है। यह रेलवे लाइन बिजली से संचालित होगी और यह रेलवे लाइन गुरुग्राम और नूंह से होकर निकलेगी।
प्रतिदिन होगा इतने रुपए का कारोबार
हरियाणा में रेल ऑर्बिट कॉर्पोरेशन के द्वारा मालगाड़ियों के द्वारा 5 करोड रुपए के समान का ट्रांसपोर्ट होता है। इसमें रेलवे ट्रैक पर गाड़ियां 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी और इस ट्रैक पर दो सुरंग भी बनाई जाएगी। इस रेल कॉरिडोर में सुरंग की सबसे अच्छी बात है कि यहां पर ऊपर नीचे रखे हुए दो कंटेनर भी आसानी से निकल जाएंगे। इन सुरंगों की लंबाई 47 किलोमीटर और ऊंचाई 11 मीटर तथा चौड़ाई 10 मी बनाई गई है।
नए स्टेशन बनाए जाएंगे
इस नए रेलवे ट्रैक पर बहुत से स्टेशन भी बनाए जाएंगे जिनमें कुछ नाम इस प्रकार है सोनीपत से तुर्कपुर जसौर खेड़ी बाढडा खरखोदा सोहना सिलानी न्यू पलवल और साथ में डूंगरवास स्टेशन बनाए जाएंगे।