UP News: यूपी विधानमंडल का बजट सत्र फरवरी के तीसरे सप्ताह में होगा। इस सत्र में योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आठ लाख करोड़ का बजट पेश करेगी।
इसमें रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहेगा। वित्त विभाग ने बजट को अंतिम रूप देने की तैयारी कर ली है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 2024-25 में 7,36,437.71 करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
इसके बाद जुलाई के मानसून सत्र में सरकार ने 12,209.93 करोड़ रुपये और दिसंबर में 17,865.72 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया।
इस प्रकार चालू वित्तीय वर्ष में बजट का कुल आकार अब 7,66,519.36 करोड़ रुपये हो गया है। आगामी वित्तीय वर्ष का बजट आठ लाख करोड़ से अधिक लाने की योजना है। देश के बजट का 16 फीसदी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 50.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। यूपी का बजट भी आठ लाख करोड़ तक होगा। यह केंद्रीय बजट का करीब 16 फीसदी होगा।
सभी विभागों से मिले प्रस्ताव
वित्त विभाग को राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों से बजट के लिए प्रस्ताव मिल गए हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और वित्त विभाग के अधिकारी उन प्रस्तावों पर मंथन करेंगे। इसके बाद बजट का शुरुआती मसौदा सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पेश किया जाएगा।
रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहेगा फोकस
विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार का कारण बेरोजगारी को माना गया था। सरकार बजट में सरकारी नौकरियों के साथ स्वरोजगार पर फोकस करेगी। वहीं एक्सप्रेसवे, स्टेट हाईवे के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस रहेगा।
दलितों और महिलाओं पर भी फोकस
विपक्ष लगातार भाजपा को दलित विरोधी साबित करने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक सरकार दलितों को लुभाने के लिए बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है।
संकल्प पत्र को पूरा करने का लक्ष्य
भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2022 से पहले संकल्प पत्र पेश किया था। संकल्प पत्र के 131 वादों में से 110 पूरे हो चुके हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार आगामी बजट में बचे हुए 21 वादों को पूरा करके संकल्प पत्र के हर वादे को पूरा करने की योजना बना रही है।
किसानों से लेकर ‘श्रीराम’ को समर्पित रहा बजट
योगी सरकार का हर बजट किसी न किसी वर्ग को समर्पित रहा है। 2017-18 का बजट किसानों की कर्जमाफी के चलते किसानों को समर्पित था। वहीं, 2024-25 का बजट ‘श्रीराम’ को समर्पित रहा।