UP Government Scheme: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दूसरा कार्यकाल है। अपने पहले और अब दूसरे कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं। इसका असर आम लोगों के जीवन पर तो पड़ा ही, अब यह धरातल पर भी दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार की 8 ऐसी योजनाएं बेहद अहम हैं।
जिन्होंने समाज के अलग-अलग तबकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया। योगी सरकार की इन योजनाओं में युवाओं से लेकर महिलाओं, विधवाओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों तक सभी को कुछ न कुछ दिया गया है।
इससे जहां लोगों को आर्थिक मदद मिली है, वहीं उनके सामाजिक जीवन में भी बदलाव आया है। योगी सरकार की 8 बड़ी योजनाएं यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 8 बड़ी योजनाओं और उनसे कितने लोगों को फायदा हुआ।
इसकी जानकारी दी गई है योगी सरकार राज्य के 98.28 लाख लोगों को 1,000 रुपये प्रति माह पेंशन देती है। इसका लाभ निराश्रित महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलता है।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘मुफ्त ऑफलाइन/ऑनलाइन कोचिंग’ मुहैया कराती है। इस ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में 15,000 से अधिक लोगों का चयन हुआ है।
योगी सरकार ने दलित वर्ग (एसटी) के 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चों के लिए ‘प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ शुरू की है। इससे 25,51,712 बच्चे लाभान्वित हुए हैं। इस पर सरकार ने 590 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
सरकार एसटी समुदाय के 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए ‘छात्रवृत्ति योजना’ भी चलाती है। इस योजना से 66,59,174 बच्चे लाभान्वित हुए हैं।
राज्य में सरकार कुष्ठ रोगियों को मासिक पेंशन भी देती है। वर्तमान में, राज्य में ऐसे 11,208 रोगियों को 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी चलाती है। इससे अब तक 3.10 लाख जोड़े लाभान्वित हो चुके हैं। सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान को भी 35,000 रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में सरकार अल्पसंख्यक समुदाय को विवाह के लिए भी आर्थिक सहायता देती है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय की 1.25 लाख लड़कियों को कुल 254 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
योगी सरकार ने पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे लाने के लिए उन्हें कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिया है। उनकी सरकार के कार्यकाल में ऐसे 77,080 बच्चों को ‘ओ’ लेवल और ‘सीसीसी’ कंप्यूटर कोर्स कराया गया है।