UP Board Exam: 24 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल पर अंकुश लगाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी केंद्र पर फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाने पर केंद्र व्यवस्थापक और संबंधित विद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सचिव ने 10 फरवरी को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र में कहा है कि विगत वर्षों में ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां पंजीकृत विद्यालय/केंद्र व्यवस्थापक की लापरवाही के कारण मूल परीक्षार्थी के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा देते पकड़े जाते हैं।
ऐसे परीक्षार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है, लेकिन संबंधित केंद्र व्यवस्थापक और पंजीकृत विद्यालय के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती। सचिव ने ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं कि ऐसे फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल न हो पाएं।
इसके बाद भी यदि कोई फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा जाता है तो ऐसी स्थिति में उस परीक्षार्थी के साथ ही केंद्र व्यवस्थापक और पंजीकृत विद्यालय के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। उड़नदस्ते के अधिकारियों और केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिए गए हैं कि नकल में जब्त सामग्री के बारे में स्पष्ट रिपोर्ट भेजें, ताकि बाद में कोर्ट में किसी विषम परिस्थिति का सामना न करना पड़े।
यदि अभ्यर्थी के अलावा कोई अन्य व्यक्ति अनुचित साधनों का प्रयोग या लिप्त पाया जाता है, परीक्षा को प्रभावित करता है या परीक्षा संबंधी कर्तव्यों की उपेक्षा करता है या परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न करता है, तो उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए। हालांकि, इस अधिनियम के प्रावधान अभ्यर्थी पर लागू नहीं होंगे।
बिना साक्ष्य के नकल की सूचना मिलने पर कार्रवाई होगी
सचिव के अनुसार, पूर्व में यह भी देखा गया है कि कुछ केंद्र व्यवस्थापक नकल से संबंधित कोई जब्त सामग्री उत्तर पुस्तिका के साथ न तो संलग्न करते हैं और न ही उत्तर पुस्तिका पर सामग्री के संबंध में कोई रिपोर्ट अंकित करते हैं, बल्कि बंडल में रखी जाने वाली ओएमआर में यूएम (अनुचित साधन) अंकित कर देते हैं।
ऐसी स्थिति में साक्ष्य के अभाव में छात्र का परिणाम अनावश्यक रूप से नकल के आरोपी अभ्यर्थियों की सूची में रोक दिया जाता है। यदि ऐसा कोई मामला प्रकाश में आता है तो इसके लिए केन्द्र व्यवस्थापक जिम्मेदार होगा तथा उसके विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। अतः अनुचित साधनों के सभी मामलों में जब्त सामग्री तथा विषय से उसकी प्रासंगिकता के बारे में स्पष्ट रिपोर्ट दी जाए।