Haryana News: दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से बदल सकती है। बुलेट ट्रेन चलाने की इस योजना से दिल्ली और अमृतसर के बीच की यात्रा समय काफी कम हो जाएगा, जिससे न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
321 गांव को किया जाएगा अधिग्रहण
इस परियोजना के तहत पंजाब और हरियाणा के 321 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। किसानों के लिए यह राहत की बात है कि जमीन अधिग्रहण के बदले उन्हें पांच गुना तक मुआवजा देने की योजना बनाई गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रभावित लोगों को उचित आर्थिक सहायता मिले और वे अपने भविष्य की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।
उत्तर रेलवे और पंजाब के शहरी नियोजन एवं विकास प्राधिकरण (PUDA) द्वारा डीपीआर पर काम शुरू किया जाना इस बात का संकेत है कि परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। यह परियोजना न केवल हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी।
450 किलोमीटर लंबा बनेगा कॉरिडोर
दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर भारत की बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में एक ऐतिहासिक कदम होगा। 465 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के माध्यम से दिल्ली, चंडीगढ़, और पंजाब-हरियाणा के प्रमुख शहरों को जोड़कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया जाएगा।
इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन है, जो यात्रा समय को बेहद कम कर देगी। उदाहरण के लिए, दिल्ली से अमृतसर की यात्रा, जो अभी करीब 6-7 घंटे लेती है, हाई स्पीड ट्रेन के माध्यम से 2 घंटे से भी कम समय में पूरी हो सकती है।
बनने वाला संभावित रूट
दिल्ली से यह ट्रेन चंडीगढ़ होते हुए पंजाब और हरियाणा के प्रमुख शहरों को जोड़ेगी और अमृतसर तक पहुंचेगी। इसका उद्देश्य इन राज्यों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच एक मजबूत कनेक्टिविटी स्थापित करना है।
इस कॉरिडोर के शुरू होने से भारत में हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क को मजबूती मिलेगी और यह देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।