Haryana News: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) परियोजना क्षेत्रीय विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगी। 126 किलोमीटर लंबा यह रेल कॉरिडोर पलवल, मानेसर और सोनीपत को जोड़ने के साथ-साथ हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों में नई संभावनाओं को जन्म देगा।
HORC परियोजना की विशेषताएं
1. लंबाई और पहला सेक्शन:
पहला सेक्शन: धुलावट से बादशाह तक, जो 29.5 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें Electric दोहरी ट्रैक लाइन बिछाई जाएगी। इसकी कुल लंबाई 126 किलोमिटर हैं। यह नूंह और गुरुग्राम जिलों से होकर गुजरेगा, जिनके लिए यह पहली बार एक सुव्यवस्थित रेल कनेक्टिविटी होगी।
2. इसके प्रमुख स्टेशन
इस कॉरिडोर पर कुल 16 प्रमुख स्टेशन होंगे जो इस प्रकार हैं, सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, IMT मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी, न्यू पलवल। इन स्टेशनों से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि यात्रियों और उद्योगों के लिए सुविधाएं भी बढ़ेंगी।
इस परियोजना से होने वाला संभावित लाभ
1. आर्थिक और औद्योगिक विकास
IMT मानेसर, सोनीपत, और गुरुग्राम जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने से लॉजिस्टिक्स और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
2. यात्रियों को सुविधा
क्षेत्रीय यात्रियों को तेज़ और किफायती परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे उनके समय और संसाधनों की बचत होगी।
3. पर्यटन और रोजगार
इस कॉरिडोर से जुड़े नए स्टेशन स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देंगे और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करेंगे।
4. परिवहन में सुधार
यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते यातायात दबाव को कम करेगी, साथ ही सड़क परिवहन पर निर्भरता घटाकर रेलवे को एक प्राथमिक विकल्प बनाएगी।
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर हरियाणा के ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ हरियाणा को देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक बनाने में सहायक होगी।
इस रेल कॉरिडोर से न केवल हरियाणा बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ होगा। इसके साथ ही, इस परियोजना के पूरा होने के बाद हरियाणा को एक नया औद्योगिक और आर्थिक केंद्र बनने की दिशा में एक मजबूत आधार मिलेगा।