MP News: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक जरूरी खबर है। अगर आपने अभी तक चल-अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है तो 3 दिन के अंदर दे दें, नहीं तो वेतन और प्रमोशन खतरे में पड़ सकता है। ध्यान रहे कि कर्मचारियों को अचल संपत्ति की जानकारी राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में ही देनी है।
नालंदा जिला प्रशासन ने भी सभी विभागों को निर्देश जारी कर सरकारी कर्मचारियों से अपनी संपत्ति का ब्योरा देने को कहा है। 31 जनवरी तक संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। जिले में करीब 600 अधिकारी और 9400 सरकारी कर्मचारी हैं।
इसमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर सभी शामिल होंगे। संपत्ति का ब्योरा देने के लिए कोषागार विभाग की ओर से विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है, इसकी जानकारी जिला स्थापना शाखा की ओर से सभी वरीय प्रभारियों को दे दी गई है। मध्य प्रदेश: कर्मचारियों और अधिकारियों को 31 जनवरी तक देना होगा ब्यौरा
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार सभी कर्मचारियों को 31 जनवरी 2025 तक अचल संपत्ति का ब्यौरा (1 जनवरी से दिसंबर 2024 तक) जमा कराना होगा। इसमें कर्मचारियों को अपने वेतन, पद, जिले और अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा देना होगा। अगर कोई कर्मचारी इस तय समय सीमा में संपत्ति का ब्यौरा नहीं देता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान में मध्य प्रदेश में 459 आईएएस अधिकारियों में से 382 कार्यरत हैं और 319 आईपीएस अधिकारियों में से 271 कार्यरत हैं जबकि 296 आईएफएस अधिकारियों में से 215 कार्यरत हैं। इन सभी अधिकारियों को 31 जनवरी 2025 तक अपनी सभी संपत्तियों का ब्यौरा देना होगा।
ब्यौरे में अधिकारियों को यह बताना होगा कि उनके पास एमपी के अलावा अन्य राज्यों में कोई संपत्ति है या नहीं। पैतृक संपत्ति की जानकारी देनी होगी, संपत्ति कब खरीदी गई, उसका क्रय मूल्य क्या था और उसका वर्तमान बाजार मूल्य क्या है। इसे 31 जनवरी तक केंद्रीय कार्मिक प्रशिक्षण विभाग में ऑनलाइन जमा करना होगा।
यूपी-बिहार राजस्थान के कर्मचारियों को भी 3 दिन में देना होगा ब्योरा
बिहार के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को 31 जनवरी तक जिला प्रशासन को चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना होगा। यह आदेश अखिल भारतीय सेवा के सभी पदाधिकारियों और राज्य में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत केंद्रीय सिविल सेवा या किसी अन्य सेवा के पदाधिकारियों और कर्मियों तथा राज्य सरकार के अधीनस्थ बोर्ड, निगम, सोसायटी, परिषद आदि पर भी लागू है।
उत्तर प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी 31 जनवरी 2025 तक अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 तक अर्जित की गई अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से भरना होगा।
अन्यथा 1 फरवरी 2025 के बाद होने वाली विभागीय पदोन्नति समितियों की बैठकों में ऐसे अधिकारी-कर्मचारी की पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। राजस्थान के सभी विभागों के राज्य कर्मचारियों को अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा स्वयं की एसएसओ आईडी से लॉग इन करके राजकाज पोर्टल पर आईपीआर मॉड्यूल के माध्यम से भरना होगा। 31 जनवरी को यह पोर्टल बंद हो जाएगा, जिसके बाद संपत्ति का ब्यौरा नहीं भर पाएंगे।
अगर कोई अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन अपलोड नहीं करता है तो प्रशासनिक विभाग उन्हें विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं देगा और उनकी वेतन वृद्धि पर भी विचार नहीं किया जाएगा। यह नियम राज्य के सभी बोर्ड, निगमों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं, उपक्रमों के कर्मचारियों पर लागू होगा।