Second Marriage Act : घर छोड़कर चली जाए पत्नी तो इतने वर्ष तक नहीं कर सकते हैं दूसरी शादी, ये है कानून।।

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Second Marriage Act : भारत देश में पति और पत्नी के रिश्ते को अत्यंत पवित्र माना जाता है। जिसमें सात जन्मों तक साथ रहने का वादा किया जाता है। नागपुर से जुड़ा एक मामला सामने निकलकर आ रहा है। जिसमें एक भारतीय सेवा के जवान की मृत्यु के बाद उसकी पेंशन के लिए विवाद खड़ा हो गया। वहीं जवान की दूसरी पत्नी ने पेंशन के लिए आवेदन किया लेकिन पाया कि पेंशन पहली पत्नी के खाते में जा रहे हैं।

अब ऐसे में दिलचस्प की बात यह है कि जवान ने पहली पत्नी के लापता होने पर दूसरी पत्नी से शादी किए थे। वही इस मामले में यह सवाल उठता है कि क्या दूसरी शादी कानूनी रूप से मान्य है या फिर नहीं आईए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से।

Second Marriage Act : यदि पहली पत्नी लापता है तो दूसरी शादी को मान्यता दिया जाएगा या फिर नहीं ,जानिए नीचे की रिपोर्ट में

भारतीय कानून के तहत यदि पहली पत्नी लापता है तो दूसरी शादी को मान्यता दिए जा सकते हैं। ऐसे मामलों में अदालत के निर्णय महत्वपूर्ण होते हैं। आईए जानते हैं कि ऐसे में भारत का कानून क्या कहता है।

Second Marriage Act : जानिए क्या कहता है भारत देश का कानून

भारतीय कानून एक व्यक्ति को दो शादी की अनुमति नहीं देते हैं। वहीं अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी कर लेते हैं तो उसे भारतीय दंड सहिता की धारा 494 के तहत अपराध माने जाते हैं। वही शादीशुदा व्यक्ति को पति और पत्नी के जिंदा रहते बिना तलाक के दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं है बता दें कि अगर वह सिर्फ उसे छोड़ देते हैं। और कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे तलाक नहीं देते हैं तो लीगल तौर पर वह उसकी पत्नी होते हैं और सरकार के तरफ से मिलने वाली सुविधाओं में पत्नी के तौर पर उसका हक होता है बस एक कंडीशन में ऐसा नहीं होता है।

अगर उन दोनों में से कोई एक लापता हो जाते है और 7 वर्ष तक नहीं मिलते हैं तो दूसरा उसके बाद शादी कर सकते हैं। वही इस जवान के मामलों में उसकी पहली पत्नी लापता हो गए थे। जिसके बाद जवान दूसरी शादी कर लिए थे लेकिन उसने कितने दिनों बाद दूसरी शादी की इसकी जानकारी अभी सामने निकल कर नहीं आया है। वहीं उसने अपने डॉक्यूमेंट में दूसरी पत्नी का नाम भी अपडेट नहीं कराए थे।

दूसरी पत्नी के पास क्या है अधिकार, जानिए नीचे की लेख में

बता दे की एडवोकेट माधुरी तिवारी के अनुसार हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पहली पत्नी के जीवित रहते दूसरे विवाह की वैधता नहीं है। वहीं इससे दूसरी पत्नी को अपने पति की पेंशन पर अधिकार नहीं मिलते यदि दूसरी शादी से कोई बच्चा होता है और उसके डॉक्यूमेंटो में पिता का नाम लिखे होते हैं तो वह उसे युवक को अपनी स्व अर्जित संपत्ति में अधिकार मांग सकता है लेकिन दूसरी पत्नी पेंशन का दावा नहीं कर सकते हैं। वहीं इस तरह के मामले में कानून स्पष्ट है कि विधिक अधिकार केवल पहली पत्नी तक सीमित होते हैं।

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