SBI बैंक के अगर आप भी कस्टमर है तो आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया अपने कस्टमर को बहुत ही बड़ा झटका दिए हैं। भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ट लेंडिंग कीमत में बढ़ोतरी करने का घोषणा कर दिए हैं। बता दें कि इससे सीधे तौर पर उन कस्टमर पर सीधा असर देखने को मिलेगा। जिन्होंने होम लोन कर लोन एवं अन्य प्रकार के कार्य ले रखे हैं। बता दे कि इस वृद्धि के बाद कस्टमर को हर महीने चुकाने वाले EMI में इजाफा करना पड़ेगा।
SBI बैंक के लाखों कर्जदारों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ट लेंडिंग (MCLR) कीमत में अगर बढ़ोतरी करते हैं तो भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के लाखों कर्जदारों की जेब पर सीधा असर देखने को मिलेगा। ऐसे में नए लोन लेने वाले व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि पुराने लोन ले रखे व्यक्ति पर भी यह नियम लागू किया जाएगा। ऐसे में आईए जानते हैं। एसबीआई के इस कदम का मतलब क्या है और यह कर्जदारों को कैसे प्रभावित करेगा।
SBI बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ट लेंडिंग रेट को क्यों बढ़ाएं
आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स (MCLR ) वह दर होता है। जिससे भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने कस्टमर को लोन की राशि देते हैं। ऐसे में यह दर इस बात पर निर्भर करता है कि बैंक को फंड जुड़ने में कितनी लागत आ रहा है।
बैंकिंग प्रणाली में जमादारों में हुई वृद्धि
आप सभी लोगों को बता दें कि हाल ही के महीना में बैंकिंग प्रणाली में जमादारों में बढ़ोतरी हुआ था। ऐसे में इस वजह से बैंकों में अधिक ब्याज दर पर ध्यान जुटाना जा रहा है। यही कारण है कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ बेस्ट लेंडिंग रेट दरों को 0.05% तक बढ़ोतरी करने का फैसला किए हैं।
बैंक के अध्यक्ष की सी . एस.शेट्टी ने क्या बतलाएं
आपको बता दें कि एसबीआई बैंक के अध्यक्ष सी . एस.शेट्टी अपने शब्दों में बताएं कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के MCLR का लगभग 42% हिस्सा MCLR से जुड़े हुए हैं। इसीलिए इस बढ़ोतरी का असर व्यापक होगा।
जानिए कौन-कौन सी अवधि में MCLR में किया गया बदलाव
आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने विभिन्न अवधियों के लिए MCLR में बदलाव किए हैं।
- 3 महीने की MCLR : इसमें बढ़ोतरी किया गया है।
- 6 महीने की MCLR : इसमें भी बढ़ोतरी किया गया है।
- वही एक दिन एक महीने , दो वर्ष और तीन वर्ष की MCLR : इनमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
आप सभी को बता दें कि इस बदलाव का सबसे अधिक असर एक वर्ष की MCLR पर पड़ने वाला है। क्योंकि इस दर से होम लोन कर लोन और पर्सनल लोन जैसे कर्ज की ब्याज दरें निर्धारित होता है।
कुछ ही महीना में दो बार बढ़ोतरी किया गया है MCLR में
आप सभी लोगों को बता दें कि एसबीआई बैंक द्वारा यह पहली बार MCLR में बढ़ोतरी नहीं किया गया है। बल्कि इससे पहले भी अगस्त महीने में एसबीआई बैंक ने अपनी दरों में बढ़ोतरी किए थे यानी कुछ ही महीना में एसबीआई बैंक ने MCLR में दो बार वृद्धि किए हैं। बता दें कि अगस्त के महीने में एसबीआई बैंक ने अपनी दरों में बढ़ोतरी किए थे उस समय 3 वर्ष की अवधि के लिए MCLR को 9.10% और 2 वर्ष की अवधि के लिए 9.5% कर दिए गए थे।
आप सभी लोगों को बता दें कि एसबीआई बैंक ने कुछ ही महीना के भीतर दोबारा MCLR में बढ़ोतरी कर दिए हैं। ऐसे में आपको बता दें कि यह बढ़ोतरी बहुत ही मामूली है लेकिन इसका सीधा असर कस्टमर की EMI पर पड़ेगा।
लोन ले रखे लोगों पर पड़ेगा सीधा असर
बता दे की लोन ले रखे लोगों पर सीधा असर पड़ेगा जो नीचे निम्न है
- EMI में बढ़ोतरी : बता दे की एसबीआई के जो भी कस्टमर पहले से ही होम लोन या कर लोन ले रखे हैं उन्हें अब हर महीने अधिक EMI भरना होगा।
- नया लोन हो जाएगा महंगा : अगर आप भी एसबीआई बैंक से लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपको ज्यादा ब्याज दर पर एसबीआई बैंक से लोन मिलेगा।
- पुराने लोन रख भी होंगे प्रभावित : MCLR से जुड़े पुराने लोन धारकों पर भी यह दरे लागू किया जाएगा।
MCLR में बढ़ोतरी होने से कस्टमर को क्या करना चाहिए
- कस्टमर को फिक्स्ड रेट लोन पर विचार करना चाहिए : अगर आप भी भविष्य में ब्याज दरों में बढ़ोतरी से बचने के लिए सोच रहे हैं तो फिक्सड रेट लोन लेना एक अच्छा विकल्प साबित होगा।
- लोन रिसेट का समय जान ले : MCLR आधारित लोन की ब्याज दरें एक निश्चित अवधि में रिसेट हो जाता है ऐसे में अपने लोन की रिसेट अवधि के बारे में जान लेना बहुत ही जरूरी है।
- EMI कैलकुलेशन करें : आपको बता दें की EMI में होने वाले संभावित इजाफे की गणना करके अपनी द्वितीय योजनाएं बनाएं।