Haryana News:हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई है। इस संशोधन के तहत सत्याग्रहियों की पेंशन में वृद्धि की गई है, जिससे वे आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त हो सकेंगे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में इस पेंशन वृद्धि का वादा किया था, जिसे अब अमल में लाया गया है। यह निर्णय मातृभाषा के लिए संघर्ष करने वाले सत्याग्रहियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और उनके योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मातृभाषा सत्याग्रहिय पेंशन
हरियाणा सरकार ने हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संशोधन को मंजूरी दी गई, जिसके तहत अब लाभार्थियों को दी जाने वाली पेंशन राशि 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है। यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू होगा, जिससे सत्याग्रहियों को आर्थिक रूप से अधिक सहारा मिलेगा।
जरूरी पात्रता
हालांकि पेंशन राशि में वृद्धि की गई है, लेकिन योजना की पात्रता संबंधी मानदंड और अन्य नियम व शर्तें पहले की तरह ही लागू रहेंगे। इस योजना का उद्देश्य उन सत्याग्रहियों को सम्मानित करना और आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिन्होंने 1957 के हिंदी आंदोलन के दौरान मातृभाषा के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया था। उनके इस ऐतिहासिक योगदान को मान्यता देते हुए सरकार ने पेंशन में बढ़ोतरी का फैसला लिया है।
संकल्प पत्र
भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन में वृद्धि का वादा किया था, जिसे अब पूरा किया गया है। यह फैसला न केवल सत्याग्रहियों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बल्कि सरकार की जनसेवा और वायदों को निभाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस संशोधन से लाभार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मजबूती मिलेगी और उनके जीवनयापन में सहूलियत होगी।