Rental Income Tax : मकान या दुकान किराए पर लगाने वालों को बल्ले-बल्ले, 1 अप्रैल से मिलेगी बड़ी खुशखबरी।

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Rental Income Tax : भारत में बहुत सारे लोग दुकान और मकान किराए पर लगाकर कमाई करते हैं। दुकान और मकान किराए पर लगाकर कमाई करने पर भी टैक्स लगता है। ऐसे में जो लोग किराए पर लगाकर कमाई कर रहे हैं उनके लिए एक बहुत ही बड़ी खुशखबरी है। आईए जानते हैं पूरी खबर।

Rental Income Tax

भारत में घर और मकान किराए पर लगाकर कमाई करना बड़ी बात नहीं है। अधिकतर लोग सोचते हैं कि हमें Rental Income प्राप्त हो। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है। बता दे कि नई वित्त वर्ष अप्रैल 2025 की शुरुआत होने वाली है। इस वित्त वर्ष के पहले ही दिन से कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे जिससे कि आम लोगों को फायदा होगा।

इसमें वह लोग भी शामिल होंगे जो अपना मकान, ऑफिस या फिर दुकान किराए पर देकर कमाई करते हैं लिए समझते हैं कैसे मिलेगा आपको फायदा।

दरअसल बीते, 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम जी की तरफ से वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया गया था। इस बजट के दौरान टीडीएस के लिए 2.40 लख रुपए की वार्षिक सीमा को बढ़ाकर 6 लख रुपए कर दिया गया है। इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जो किराए के पैसे से कमाई करते हैं। यह फायदा 1 अप्रैल से लोगों को मिलेगा।

यह भी होंगे बदलाव

ताजा जानकारी के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्ति के लिए समय सीमा को भी बढ़ाकर कर 4 साल कर दिया गया है। अपडेटेड इत्र को हुए करदाता दाखिल करते हैं जो निर्धारित समय पर अपने सही आई की जानकारी नहीं दे पाए थे। फिलहाल ऐसे रिटर्न संबंधित कर आकलन वर्ष के 2 साल के भीतर दाखिल किए जा सकते हैं।

लगभग 90 लाख करदाताओं ने अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करके स्वेच्छा से अपने आय विवरण को अपडेट किए हैं।

इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक को ब्याज से अर्जित कमाई पर होने वाले कर कटौती की सीमा को मौजूद ₹50000 से दोगुना करके ₹100000 कर दिया गया है। वही रिजर्व बैंक की उदारीकृत धन प्रसन्न योजना के तहत ऑपरेशन पर टीसीएस संग्रहित करने की सीमा भी 7 लाख रुपए से बढ़कर 10 लाख रुपए तक कर दिया गया है। इसके अलावा शिक्षा के लिए धन भेजने पर टीडीएस से छूट दी गई है, जहां ऐसा परेशान किसी निर्दिष्ट वित्तीय संस्थान से लिए गए ऋण से होता है।

वित्तीय वर्ष 2025 -26 का बजट में मध्यम वर्ग को कर भोज और पूर्ण गठित सिलाई के संबंध में राहत दिया गया है। नई आयकर व्यवस्था के तहत 12 लख रुपए तक की वार्षिक आय को आयकर से छूट दिया जाएगा। वेतन भोगी करदाताओं के लिए मानक कटौती को ध्यान में रखते हुए यह आई सीमा 12.75 लख रुपए हो जाएगा।

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