UP News: उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक करेगी। इस बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो कुंभ में आज होने वाली बैठक में कई अहम प्रस्ताव पास हो सकते हैं।
प्रयागराज और वाराणसी को मिलाकर एक विकास प्राधिकरण बनाने का फैसला लिया जा सकता है। ये दोनों ही जगहें देश के प्रमुख धार्मिक स्थल बन गए हैं। डिफेंस और एयरोस्पेस में निवेश बढ़ाने के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं। युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट देने पर भी प्रस्ताव आ सकता है।
नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर योगी सरकार वाराणसी और प्रयागराज को जोड़ते हुए एक नया धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाने की योजना बना रही है। इस पहल में प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर और भदोही शामिल होंगे।
इन सभी को मिलाकर एक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। इस योजना से 2.38 करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन सीधे तौर पर प्रभावित होगा। इसके अलावा प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और विंध्यधाम को मिलाकर धार्मिक कॉरिडोर बनाने की योजना भी तैयार की गई है। प्रयागराज और वाराणसी में नॉलेज पार्क और औद्योगिक केंद्रों के साथ ही अयोध्या से रामस्नेही घाट के बीच औद्योगिक कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार है।
कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। इसके अलावा सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से मेयो हॉल चौराहा, जेल से नैनी में औद्योगिक क्षेत्र समेत चार स्थानों पर एलिवेटेड ब्रिज का भी प्रस्ताव तैयार है। इनका सर्वे कर शुरुआती लेआउट भी तैयार है।
वृंदावन में बांके बिहारी जैसे कई मंदिर हैं, जहां कोर्ट के आदेश पर रिसीवर नियुक्त किए जाते हैं। ऐसे स्थानों पर श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन और सुविधा के लिए कमेटी बनाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में विचार हो सकता है.
क्योंकि मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि ये रिसीवर श्रद्धालुओं की सुविधा का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते और किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर देते हैं।
इसके अलावा कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इन पहलों के माध्यम से राज्य का लक्ष्य धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करना है। साथ ही पूरे राज्य में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।