MP News: नगर निगम के वर्ष 2025-26 के बजट में कोई खास नई योजना देखने को नहीं मिली है। महापौर ने उन्हीं योजनाओं को शामिल किया है, जो राज्य सरकार ने निगम के नए बजट में सूचीबद्ध की थी। शहरवासियों को एक बार फिर 5 किमी धूल मुक्त फुटपाथ और 10 किमी धूल मुक्त सड़क, 10 पिंक टॉयलेट, 48 शौचालय, पार्कों में सफाई और सौंदर्यीकरण का सपना दिखाया गया।
जबकि पिछले बजट 2024-25 में राज्य सरकार ने संजीवनी क्लीनिक, अमृत योजना और विभिन्न क्षेत्रों में धूल मुक्त सड़कें बनाने का भी निर्णय लिया था। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 40 किमी डामर और 25 किमी सीसी रोड, ग्रामीण क्षेत्रों के वार्डों में 156 किमी सीवरेज नेटवर्क और 14 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई गई। वहीं, बजट में करीब 12 करोड़ से महिलाओं के लिए 10 शौचालय भी बनाए जाएंगे। 36 मिनट में पढ़ा 10 पेज का प्रस्ताव
महापौर ने दोपहर 3.12 बजे बजट पेश करना शुरू किया और 36 मिनट में 10 पेज का प्रस्ताव पढ़कर बताया कि नगर निगम आयुक्त ने 23.20 अरब रुपए के व्यय प्रस्ताव में 23.44 अरब रुपए और 24.26 लाख रुपए की पांच प्रतिशत आरक्षित निधि पर 34.26 लाख रुपए के लाभ का प्रस्ताव भेजा था।
इसके बाद एमआईसी ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए कुल बजट पूंजी और राजस्व मद में 2513 करोड़ 32 लाख 55 हजार रुपए की कुल आय पर 2488 करोड़ 67 लाख 60 हजार रुपए के व्यय का प्रस्ताव तैयार किया। इसमें स्वयं के स्रोतों से होने वाली आय का पांच प्रतिशत यानी 24 करोड़ 54 लाख 46 हजार 700 रुपए आरक्षित निधि में रखकर 10.48 लाख रुपए के शुद्ध लाभ का बजट तैयार किया गया है।
शहर की जरूरतों का बजट ऐसे समझें
– स्वच्छ भारत मिशन और एसबीएम: 334.75 करोड़, पिछले साल 215 करोड़
– एसबीएम में 336 टन प्रतिदिन सूखे कचरे से बायो सीएनजी गैस प्लांट और 277 टन प्रतिदिन एमआरएफ प्लांट पर 88.82 करोड़ खर्च होंगे।
– 270 टन आरडीएफ से 4 मेगावाट बिजली उत्पादन पर 108.54 करोड़
– 7.78 करोड़ से सीएंडडी कचरे की 100 टन प्रतिदिन क्षमता के लिए पेवर्स तैयार किए जाएंगे। -सूखे और गीले कचरे से निष्क्रिय सामग्री लैंडफिल साइट के लिए 18.52 करोड़
-वार्ड 61, 64 और 18 में 16.30 करोड़ से नए ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे
-12 करोड़ से 48 सार्वजनिक शौचालयों का निर्मा
-केदारपुर और बुद्ध पार्क में विरासती कचरे और डंप साइटों के लिए 33.94 करोड़
-रोड स्वीपिंग मशीनों के लिए 5.50 करोड़
-डोर टू डोर वाहनों के लिए 3.27 करोड़
अमृत योजना 2.0 (चंबल परियोजना) के लिए 917 करोड़ और पिछले साल के लिए 812 करोड़
शहर में पेयजल के लिए कच्चे पानी की आपूर्ति के लिए चंबल नदी और कोटवार बांध से पानी को जल उपचार संयंत्र तक पंप करने के लिए 458.68 करोड़।