MP News: मध्य प्रदेश के निजी क्षेत्र में काम करने वाले 50 लाख कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। मध्य प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत दबाव में 9575, 5 साल से कम अनुभव वालों को 10571 और 1 साल से ज्यादा अनुभव वालों को 12294 न्यूनतम वेतन देना होगा।
इसके अलावा ईपीएफ अंशदान और अन्य सभी तरह के भत्ते देने होंगे। उद्योगपतियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वेतन बढ़ोतरी रोक दी थी। आपको बता दें कि 13 मार्च 2024 को श्रम आयुक्त कार्यालय ने 1 अप्रैल 2024 से वेतन दरों में बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था।
लेकिन कुछ उद्योग संगठनों ने इसके खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर कर दी। न्यायालय ने 8 मई 2024 को न्यूनतम वेतन वृद्धि की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी, जिसे 21 मई 2024 को हुई अगली सुनवाई में भी जारी रखा गया।
इस पर श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा 24 मई 2024 को अधिसूचना जारी कर न्यूनतम वेतन वृद्धि वापस ले ली गई। वहीं, 3 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आदेश जारी कर स्थगन आदेश समाप्त कर दिया।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मध्य प्रदेश में श्रमिकों की नई दरें
इसके बद भी श्रम विभाग ने बढ़ी हुई मजदूरी के भुगतान के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया, लेकिन अब लंबे इंतजार के बाद 28 फरवरी 2025 को श्रम विभाग ने श्रमिकों को बढ़ी हुई मजदूरी देने के आदेश जारी कर दिए। अकुशल श्रमिकों को 9,575 रुपए प्रतिमाह, अर्धकुशल श्रमिकों को 10,571 रुपए प्रतिमाह तथा कुशल श्रमिकों को 12,294 रुपए प्रतिमाह न्यूनतम मजदूरी देने को कहा गया। वहीं, अत्यधिक कुशल श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 13,919 रुपये प्रति माह मिलेगा।
मध्य प्रदेश के निजी क्षेत्र के श्रमिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है। श्रम विभाग ने 28 फरवरी 2025 को न्यूनतम वेतन बढ़ाने के आदेश जारी किए,
जिसके तहत अकुशल श्रमिकों को 9,575 रुपये, अर्धकुशल श्रमिकों को 10,571 रुपये, कुशल श्रमिकों को 12,294 रुपये और अत्यधिक कुशल श्रमिकों को 13,919 रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन मिलेगा। यह निर्णय लंबे समय बाद लिया गया है, क्योंकि इससे पहले विभिन्न न्यायिक प्रक्रियाओं के कारण वेतन वृद्धि पर रोक लग गई थी। अब, यह आदेश लागू होने से श्रमिकों को आर्थिक रूप से फायदा होगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होने की संभावना है।