MP News : मध्य प्रदेश में करीब 5.5 लाख पेंशनर गायब हो गए हैं! ये वो पेंशनर हैं जिनके खातों में हर महीने वृद्धावस्था पेंशन ट्रांसफर हो रही है लेकिन उनका सत्यापन नहीं हो पाया है. ये हाल तब है जब तीन स्तरों पर सत्यापन का काम हो चुका है लेकिन फिर भी उनका सत्यापन नहीं हो पाया है.
इसलिए अब सरकार इन पेंशनरों को खोजने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन कर रही है. सरकार घर-घर जाकर उन पेंशनरों को खोजने का अभियान चला रही है जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल रहा है और जिनका सत्यापन नहीं हो पाया है.
ये अभियान 15 फरवरी तक चलेगा और जो पेंशनर इस अभियान में भी नहीं मिलेंगे उनके खाते बंद कर दिए जाएंगे. लापता लाभार्थियों में से ज्यादातर नीमच, सिवनी, अलीराजपुर, अनूपपुर और बालाघाट जैसे आदिवासी जिलों के हैं. सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का कहना है कि पेंशनरों का सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है, अपात्रों को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए लाभार्थियों का सत्यापन किया जाता है.
मध्य प्रदेश सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न पेंशन योजनाएं संचालित करती है, जिनका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं:
1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना:
पात्रता:
आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवार से संबंधित हों।
लाभ:
पात्र व्यक्तियों को प्रतिमाह ₹600 की पेंशन राशि प्रदान की जाती है।
2. समग्र सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन योजना:
पात्रता:
आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
आवेदक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा हो।
लाभ:
पात्र व्यक्तियों को प्रतिमाह ₹600 की पेंशन राशि प्रदान की जाती है।
3. समग्र सामाजिक सुरक्षा वृद्धाश्रम में निवासरत अंतःवासी पेंशन योजना: