MP Electricity News : मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की तरफ ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव बार-बार कहते रहे हैं कि किसानों को परेशानी नहीं होने देंगे। अब किसानों को 5 रुपए में स्थायी बिजली कनेक्शन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुविधा पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से किसानों को दी जाएगी।
MP Electricity News : किसानों के खेत लहलहाएंगे
सोलर पंप से भी राज्य सरकार किसानों को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। अगले तीन साल में किसानों को 30 लाख सोलर पंप देकर किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाई जाएगी। हर साल 10 लाख कनेक्शन दिए जाएंगे। सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली खरीदकर किसानों को नकद भुगतान किया जाएगा।
अगर ज्यादा बिजली बनेगी तो किसान उसे बेचकर पैसा भी कमा सकेंगे। सरकार सोलर पंप सिस्टम की लागत कम करेगी। 3 एचपी वालों को सोलर पंप की राशि का 5% और 5 से 7.50 एचपी वालों को 10% देना होगा। सोलर पंप कनेक्शन के साथ ही 5 रुपए में फिर से बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। इसका फायदा उन किसानों को होगा जिनके खेतों से 45 मीटर तार गुजर रहे हैं। मध्य क्षेत्र की बिजली कंपनी इसकी शुरुआत करेगी।
कपड़ा मिलों को 5000 रुपए का बोनस
मुख्यमंत्री ने किसानों से फसल चक्र बदलने को कहा। उन्होंने कहा कि धान के स्थान पर मूंगफली और प्राकृतिक फसलों को स्थान दिया जा रहा है। हमारा उद्देश्य जैविक खेती के माध्यम से मध्य प्रदेश को अलग पहचान दिलाना है। उन्होंने कहा कि जीआईएस भोपाल में किसानों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। प्रदेश में उत्पादित कपास क्रांति को जन्म देगी। कपड़ा मिलों को किसान परिवारों के सदस्यों को काम देने के लिए 5000 रुपए का बोनस दिया जाएगा।
दूध उत्पादन पर दिया जाएगा बोनस
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेंगे। दूध उत्पादन पर भी प्रोत्साहन के रूप में बोनस दिया जाएगा, जो गेहूं और धान पर दिया जाता है।
10 से अधिक गाय पालने वालों को अनुदान मिलेगा। हर गांव में दूध उत्पादन और गौपालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जाएगा। गौशाला चलाने वालों को 20 रुपए प्रति गाय के स्थान पर 40 रुपए का अनुदान देकर सक्षम बनाया जाएगा। गौमाता की असीम कृपा हम पर है। गौमाता प्रकृति और ईश्वर को जोड़ती है। भोपाल सहित सभी बड़े नगर निगमों में 10 हजार गायों की क्षमता वाली गौशालाएँ बनाई जाएँगी, जिनमें बेसहारा, विकलांग और बूढ़ी गायों को आश्रय मिलेगा।