Income Tax : अगर आप भी एक बहुत ही बड़ा बिजनेसमैन है और आप भी अपने होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स भरते हैं तो आप सभी लोगों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी की खबर निकलकर आ रहा है। ऐसे में आप सभी लोगों को यह खबर अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए ताकि आपको इस खबर में बताए गए पूरी जानकारी विस्तार से पता चल सके।
Income Tax : टैक्स पेयर्स के लिए जरूरी खबर है, अब 17 लाख कमाई पर भी नहीं देना पड़ेगा टैक्स
अगर आप भी एक बहुत ही बड़ा बिजनेसमैन है और आप भी अपने होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स भरते हैं तो आप सभी लोगों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी की खबर निकलकर आ रहा है। ऐसे में आप सभी लोगों को बता दें सरकार ने आप सभी टैक्स पेयर्स के लिए बहुत ही बड़ा अपडेट जारी किए हैं। ऐसे में आप सभी लोगों को बता दे कि अगर आपका सैलरी 17 लाख रुपए है तो ये खबर आपके लिए बहुत ही राहत भरी हो सकता है।
वही आप जानते हैं कि बजट में सरकार की ओर से 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री की घोषणा किए गए थे। लेकिन अब न्यू टैक्स रिज्यूम में 17 लाख तक की इनकम को भी टैक्स फ्री कर दिए गए हैं। वहीं बस इसके लिए आपको कुछ जरूरी काम करने पड़ेंगे लिए जानते हैं। इस बारे में नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Income Tax : आयकर विभाग का क्या कहना है, जानिए नीचे की लेख में
बता दें कि अगर आप एक प्राइवेट नौकरी करते हैं तो आपको बता दें कि 17 लाख रुपए तक की सैलरी पर आप लोगों को टैक्स देने की नहीं जरूरत है। आप सभी लोगों को बता दें की नई टैक्स रिज्यूम में कुछ शर्तों है। जो टैक्स के बारे में नहीं आते हैं। वही आयकर विभाग का यह कहना है कि आप इनसे जुड़ी शर्तों को पूरा कर इन अलाउन्सेज का फायदा उठा सकेंगे।
ईटी के रिपोर्ट के अनुसार एक एक्सपर्ट का क्या कहना है, जानिए नीचे की लेख में
बताने की नई टैक्स रिज्यूम के तहत तेरी फोन और मोबाइल बिल पर एग्जेम्पशन के लिए कोई लिमिट उपलब्ध नहीं है। वही वैसे तो दोनों ही रिज्यूम में इसके लिए कोई लिमिट तय नहीं है। ऐसे में एंपलॉयर की तरफ से मिलने वाले टेलीफोन और मोबाइल बिल पर एग्जेम्प्शन का दावा कर सकते हैं। वही ईटी की रिपोर्ट के अनुसार एक एक्सपर्ट्स का कहना है कि बस यह अमाउंट व्यावहारिक होने चाहिए।
वहीं इसके साथ ही एंप्लॉयी के पद और जिम्मेदारियों के अनुसार होने चाहिए। वहीं अगर आपकी सैलरी स्ट्रक्चर में मोबाइल या इंटरनेट बिल नहीं है तो आप उसे शामिल कर कर उसे अलाउन्ज का लाभ ले सकेंगे।
इस ,,को किस लिए दिया जाता है, जानिए नीचे की लेख में
बता दें कि इसके अलावा दिव्यांग एंप्लॉइज की कंपनियों द्वारा भी ट्रांसफर अलाउन्सेज टैक्स दिए जाते हैं। वही ट्रांसपोर्ट अलाउन्ज टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं। वही इस अलाउन्ज को इसलिए दिए जाते हैं ताकि लोग घर से ऑफिस और ऑफिस से घर जा सके।
वही एट के रिपोर्ट के अनुसार दिव्यांग एंप्लॉइज को हर महीने ₹3200 का ट्रांसफर अलाउन्स मिलते हैं। वहीं ₹3200 के हिसाब से कैलकुलेशन करें तो सालाना 384000 रुपए ट्रांसफर अलाउन्स मिलते हैं। जो कि टैक्स के दायरे से बाहर आते हैं।
क्या है कनवेंस रिइम्बर्समेंट
आपको बता दें कि कनवेंस रिइम्बर्समेंट ट्रांसफर अलाउन्स से वे बेहद अलग होता है वही यह तरह की सुविधा जो एंपलॉयर की तरफ से एंप्लॉयी को दिए जाते हैं। ताकि उसका काम आसानी से हो पाए वही एंप्लॉयि को इस अलाउन्स का लाभ उठाने के लिए अपने ऑफिस के फाइनेंस डिपार्टमेंट को बिल सबमिट करने पड़ते हैं। वही यह फैसिलिटी एंप्लॉयी के लिए बेहद बेनिफिशियल है।
जानिए कार लीज फैसिलिटी के फायदे एवं नुकसान
आपको बता दें कि एंपलॉयर ऐसे भी होते हैं तो जो अपने एंप्लॉयी को कार लीज फैसिलिटी पेश करते हैं। वही इनकम टैक्स के नियमों के तहत इस पर्क्विजिट कहे जाते हैं। हालांकि इसकी वैल्यू काफी कम है वही एक एक्सपर्ट्स का मानना है कि एंपलॉयर की तरफ से एंप्लॉयी के पर्सनल और ऑफिशल उपयोग के लिए जो कर लीज फैसिलिटी दिए जाते हैं। उस कार की पर्क्विजिट वैल्यू बेहद कम होती है वहीं इसके लिए नई और पुरानी रिज्यूम में वैल्यूएशन का फॉर्मूला एक तरह ही होते हैं।
बता दें कि अगर कॉल इंजन कैपेसिटी 1.6 लाइटर से कम है तो इस हिसाब से पर्क्विजिट की टैक्सेबल वैल्यू हर महीने 1800 रुपए होंगे। वहीं अगर इंजन इससे ज्यादा होते हैं तो इस हिसाब से पर्क्विजिट की टैक्सेबल वैल्यू 2400 रुपए होंगे।
इस तरह से करें 17 लाख रुपए की सैलेरी टैक्स- फ्री
आपको बता दें कि ये तो आप सभी लोगों ने पता ही होगा की इनकम टैक्स की नई रिज्यूम में 75000 का स्टैंडर्ड डेडीकेशन मिलते है। वहीं इसके साथ ही एंपलॉयर की ओर से एनपीएस में 14% तक का जो कंट्रीब्यूशन दिए जाते हैं। वो भी टैक्स के दायरे के बाहर हैं। वही ठीक इसी तरह ईपीएफ में एंप्लॉयी की ओर से जो 12% तक का कंट्रीब्यूशन जाते हैं।
वो भी टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप इन सभी एग्जेम्प्शन और डिडक्शन का उपयोग करते हैं तो इस हिसाब से आपकी करीब 17 लख रुपए तक की सैलेरी टैक्स फ्री हो जाएंगे।