Haryana News:हरियाणा में मौसम के अचानक बदले मिजाज ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। शुक्रवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने कई जिलों में भारी तबाही मचाई है। हिसार, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, भिवानी, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में बारिश के साथ तेज ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों की रबी फसल को गहरी क्षति पहुंची है।
वहीं, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और झज्जर में भी तेज बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। इस अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, क्योंकि उनकी सरसों, गेहूं और अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।
शिमला जैसा नजारा
हरियाणा के कई जिलों में शिमला जैसा नजारा देखने को मिला, जहां सड़कों पर बर्फ के समान ओले बिछे नजर आए। ओलावृष्टि के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे फसलों की जड़ें गलने लगी हैं। किसानों का कहना है कि उनकी महीनों की मेहनत पर यह बेमौसम बारिश भारी पड़ी है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 12 जिलों—यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, हिसार, करनाल, सोनीपत, जींद, पानीपत और पंचकूला में रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है, जिससे अगले कुछ दिनों तक स्थिति और खराब हो सकती है।
शनिवार को भी जारी है बरसात
शनिवार सुबह भी पानीपत, सोनीपत, पंचकूला और जींद में बारिश जारी रही, जिससे जलभराव की स्थिति बन गई। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की अचानक मौसम में बदलाव जलवायु परिवर्तन का संकेत हैं और किसानों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं।
सरकार और प्रशासन को किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए राहत योजनाएं लागू करनी होंगी, ताकि वे इस प्राकृतिक आपदा से उबर सकें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान और अधिक बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।