Haryana News:हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने 777 मेडिकल ऑफिसर (MO) पदों पर भर्ती निकाली थी। लेकिन 206 चयनित डॉक्टरों ने अभी तक नौकरी जॉइन नहीं की, जिससे मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
777 पदों पर भर्ती
सरकार ने लगभग छह महीने पहले 777 मेडिकल ऑफिसर भर्ती की अधिसूचना जारी की थी और इसके बाद लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में 5,994 उम्मीदवारों ने पास किया था, लेकिन अंतिम रूप से 777 डॉक्टरों की भर्ती होनी थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी मरीजों को डॉक्टर नहीं मिल पाए हैं, क्योंकि कई डॉक्टरों ने नौकरी जॉइन नहीं की।
रिजल्ट आने के बाद भी डॉक्टरों की कमी
6 दिसंबर को मेडिकल ऑफिसर पद का रिजल्ट जारी हुआ, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद सरकार सभी 777 पदों पर भर्ती नहीं कर पाई। जिन 206 डॉक्टरों ने जॉइनिंग नहीं की, उन्होंने NEET PG की तैयारी को प्राथमिकता दी और सरकारी नौकरी की अनदेखी कर दी।
डॉक्टरों को दिया गया आखिरी मौका
हरियाणा सरकार ने 17 फरवरी को DGHS पंचकूला में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन आयोजित किया, लेकिन 206 डॉक्टर अनुपस्थित रहे। इसके बाद 24 फरवरी को उन्हें आखिरी मौका दिया गया, लेकिन अब भी सभी डॉक्टरों ने जॉइनिंग नहीं की। DGHS पंचकूला द्वारा अब केवल 571 डॉक्टरों को नियुक्त किया जा रहा है।
सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
चयनित डॉक्टरों के नौकरी न जॉइन करने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण इलाकों में यह समस्या और भी गंभीर हो रही है, क्योंकि वहां पहले से ही डॉक्टरों की कमी थी। सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है ताकि हरियाणा के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।