हरियाणा शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला नकल रोकने के लिए बनेगी स्पेशल कमेटी

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Haryana News:हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव अजय चोपड़ा ने शनिवार को भिवानी में आयोजित पत्रकार वार्ता में परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और नकल रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ गूगल मीट के माध्यम से विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य परीक्षा केंद्रों पर निष्पक्षता और सुचारू संचालन सुनिश्चित करना था।

बोर्ड सचिव ने दिया सख्त आदेश

बोर्ड सचिव ने परीक्षा ड्यूटी में तैनात उड़नदस्तों को सतर्क रहने और किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, सभी पुलिस अधीक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर बाहरी हस्तक्षेप रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का अनुरोध किया गया है। नकल रोकने के लिए बोर्ड ने तकनीकी उपाय भी अपनाए हैं। परीक्षा प्रश्न पत्रों पर अल्फा-न्यूमेरिक कोड, क्यूआर कोड और हिडन सिक्योरिटी फीचर्स अंकित किए गए हैं, जिससे यदि कोई व्यक्ति प्रश्न पत्र की फोटो खींचने का प्रयास करेगा, तो तुरंत पता लगाया जा सकेगा कि यह कहां से लीक हुआ है।

पेपर लीक की संभावना

यदि किसी परीक्षा केंद्र से पेपर लीक होने की घटना सामने आती है, तो वहां के अधीक्षक, पर्यवेक्षक और अन्य संबंधित स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नकल रोकने के लिए 588 परीक्षा केंद्रों पर ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं और विद्यालय प्रमुखों को गांव की पंचायतों का सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षा केंद्रों पर खिड़कियों में जाली लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि कोई भी परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग न कर सके।

अभिभावक और छात्रों से अपील

बोर्ड सचिव ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की कि वे परीक्षा में ईमानदारी बनाए रखें और पेपर वायरल करने जैसी गलतियां न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति नकल करवाने में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

10वीं कक्षा के परीक्षा पत्र में यदि कोई प्रश्न सिलेबस से बाहर पाया जाता है, तो इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है, और जरूरत पड़ने पर विद्यार्थियों को ग्रेस मार्क दिए जाएंगे। अब तक 97 नकल के मामले पकड़े गए हैं और 5 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। इस वर्ष की परीक्षा में कुल 5,17,448 परीक्षार्थी शामिल हुए हैं, जिनकी निगरानी के लिए 224 उड़नदस्ते गठित किए गए हैं।

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