UP News : यूपी बजट 2025 में गोरखपुर बस स्टेशन की मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बस स्टेशन को आधुनिक बस टर्मिनल बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी। बस स्टेशन का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर किया जाएगा। आधुनिक बस टर्मिनल सात साल में पूरी तरह विकसित हो जाएगा।
गोरखपुर बस स्टेशन का जीर्णोद्धार शुरू होगा। सरकार ने परिवहन निगम के बस स्टेशनों, डिपो वर्कशॉप और बस बेड़े में बढ़ोतरी के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 100 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर बस स्टेशन को आधुनिक बस टर्मिनल बनाने के लिए टेंडर फाइनल हो चुका है और एजेंसी नामित कर दी गई है।
नक्शा बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मॉडल पर क्लिक होते ही निर्माण शुरू हो जाएगा। कंपनी ने दो साल में टर्मिनल पूरा करने का लक्ष्य रखा है। आधुनिक बस टर्मिनल सात साल में पूरी तरह विकसित हो जाएगा। जहां यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं मिलेंगी
विशेषज्ञों का कहना है कि गोरखपुर का बस स्टेशन उत्तर प्रदेश के आलमबाग या गुजरात के राजकोट जैसा होगा। गोरखपुर के अलावा उत्तर प्रदेश के 23 महत्वपूर्ण बस स्टेशनों को 90 साल के लिए अनुमति दी गई है। बस स्टेशन का पुनर्निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर किया जाना है। इसके लिए गोरखपुर बस स्टेशन क्षेत्र में 14 हजार 416 वर्ग मीटर जमीन अधिग्रहित की गई है। निर्माण कार्य शुरू होने पर बस स्टेशन का स्वरूप भी बदला जाएगा। जानकारों का कहना है कि आधुनिक बस टर्मिनल में हर क्षेत्र में चलने वाली बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म होंगे। यात्रियों के आराम करने के लिए वातानुकूलित प्रतीक्षालय, उसके बगल में कैंटीन और मनोरंजन के लिए टीवी होगा। बस यात्रियों को हर समय अपडेट जानकारी मिलेगी। मल्टीफंक्शनल कॉम्प्लेक्स, होटल और रेस्टोरेंट भी बनाए जाएंगे, साथ ही पूरी सुविधाओं से युक्त वातानुकूलित टॉयलेट भी होंगे। यात्रियों को यात्रा के दौरान शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में जरूरी सामान खरीदने को भी मिलेगा। कॉम्प्लेक्स में फूड प्लाजा के साथ ठहरने की सुविधा भी होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए क्षेत्र में ही चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। बस यात्रियों को हर समय अपडेट जानकारी मिलेगी। ऐसी बसें भी समय सारिणी के अनुसार चलेंगी। बस स्टेशन से प्रतिदिन करीब ग्यारह से बारह सौ बसें विभिन्न रूटों पर चलती हैं। प्रतिदिन 50 से 60 हजार यात्री आते हैं।