8th pay commission: यह खबर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत और खुशी लेकर आई है। आठवें वेतन आयोग की मंजूरी से वेतन संरचना में संशोधन और कर्मचारियों के वित्तीय लाभ में वृद्धि की उम्मीद है। यह फैसला कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।
अब तक देश में सात वेतन आयोग बनाए जा चुके हैं, जिनका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बदलाव करना और उन्हें महंगाई के अनुरूप अद्यतन करना है।
गठन प्रक्रिया
आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया और इसकी सिफारिशें लागू होने में कुछ समय लग सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग किस तरह की सिफारिशें करता है और उनका क्रियान्वयन कैसे होता है।
पिछला, यानी सातवां वेतन आयोग, 28 फरवरी 2014 को गठित हुआ था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है ताकि इसकी सिफारिशें समय पर आ सकें और इसे 2026 से लागू किया जा सके। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विन वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि यह कैबिनेट का फैसला नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री ने आयोग के गठन को स्वीकृति दी है।
सरकार के इस कदम से केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ होगा। देश में फिलहाल लगभग 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर्स हैं, जो इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
सैलरी में होगी बढ़ोतरी
टाइमलाइन के अनुसार, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होनी चाहिए। इसके लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी, जिसमें महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) का भी समायोजन किया जाएगा। सामान्यतः हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है, और इसी परंपरा के तहत यह निर्णय लिया गया है। वर्तमान में, 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है, जिसके बाद नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएंगी।