Haryana News:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 19वीं किस्त जारी की गई। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा के 16 लाख 38 हजार किसानों के खातों में लगभग 360 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
किसान समारोह सम्मेलन
इस अवसर पर हरियाणा के झज्जर जिले में राज्य स्तरीय किसान सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इसी तरह, राज्य के अन्य जिलों में भी इस प्रकार के समारोहों का आयोजन किया गया, जहां कैबिनेट और राज्य मंत्रियों ने किसानों को संबोधित किया। इन कार्यक्रमों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को भी लाइव प्रसारित किया गया, जिससे किसान सीधे जुड़ सके।
मुख्यमंत्री ने किसानों को बताएं आधुनिक तरीके
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में किसानों को खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए नवाचार और आधुनिक तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाने और संसाधनों का सही उपयोग करने पर जोर दिया। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि झज्जर जिले के 77 हजार किसानों के खातों में 17 करोड़ 41 लाख रुपये की राशि डाली गई है। इसके अलावा, अब तक 18 किस्तों में प्रदेश के लगभग 20 लाख किसानों को कुल 6,203 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
ई-खरीद पोर्टल
सरकार किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी बना रही है। पिछले नौ सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी पर फसल खरीद के 1.25 लाख करोड़ रुपये डाले गए हैं। मानसून की देरी से बढ़ी लागत की भरपाई के लिए सरकार ने खरीफ फसलों के लिए किसानों को प्रति एकड़ 2,000 रुपये की दर से 1,345 करोड़ रुपये का बोनस दिया है।
कृषि भूमि पट्टा एक्ट
हरियाणा सरकार ने किसानों और भूमिधारकों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए कृषि भूमि पट्टा एक्ट लागू किया है, जिससे जमीन के स्वामित्व से जुड़े विवाद समाप्त हो गए हैं। इसके अलावा, हाई टेंशन बिजली लाइनों से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की नीति बनाई गई है। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान की जगह वैकल्पिक फसलें उगाने पर किसानों को 7,000 रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जा रही है।