FASTag Update: अगर आप FASTag रिचार्ज करना भूल गए हैं या आपके अकाउंट में कोई दिक्कत है तो अब आपको बड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 17 फरवरी से नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत यूजर्स को सख्त डेडलाइन का पालन करना होगा, नहीं तो उन्हें टोल प्लाजा पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
फास्टैग वैलिडेशन में बड़े बदलाव
NPCI के 28 जनवरी के सर्कुलर के मुताबिक अब फास्टैग ट्रांजेक्शन को तय समय सीमा के अंदर पूरा करना अनिवार्य होगा। इसमें दो अहम शर्तें जोड़ी गई हैं:
टोल स्कैन से 60 मिनट पहले: अगर फास्टैग एक घंटे से ज्यादा समय तक ब्लैकलिस्ट, हॉटलिस्ट या लो बैलेंस स्टेटस में रहा है तो ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो जाएगा।
टोल स्कैन के 10 मिनट बाद: अगर स्कैन के बाद 10 मिनट तक फास्टैग इनएक्टिव या ब्लैकलिस्टेड रहता है तो ट्रांजेक्शन फिर से रिजेक्ट हो जाएगा।
अगर ये दोनों शर्तें पूरी होती हैं तो सिस्टम एरर कोड 176 के साथ ट्रांजेक्शन को रिजेक्ट कर देगा और यूजर को दोगुना टोल शुल्क देना होगा। नए नियमों का उद्देश्य और प्रभाव विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से टोल प्रक्रिया सरल होगी और टोल प्लाजा पर विवाद कम होंगे।
एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा, “इस सिस्टम से ट्रांजेक्शन फेल होने की घटनाएं कम होंगी, टोल का अनुभव बेहतर होगा और यूजर्स अपने अकाउंट मैनेजमेंट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित होंगे।” इसके अलावा इस नए सिस्टम का उद्देश्य टोल कलेक्शन को और अधिक पारदर्शी और सुचारू बनाना है। ताकि टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को रोका जा सके और यात्रा को सुगम बनाया जा सके।
जिन यूजर्स को इन बदलावों की जानकारी नहीं है, उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि सभी वाहन मालिक अपने फास्टैग का सही तरीके से रखरखाव करें। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 17 फरवरी से नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत यूजर्स को सख्त डेडलाइन का पालन करना होगा, नहीं तो उन्हें टोल प्लाजा पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।