Farmers News : बिहार राज्य के किसानों के लिए मोदी सरकार ने बहुत ही बड़ा खजाना खोल दिया है। बता दे की बिहार राज्य के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने 73000 मिट्रिक टन डाएपी भेज दिए हैं। बता दें कि इससे बिहार राज्य में गेहूं की बुवाई के लिए डाएपी कि अब कमी दूर हो जाएगा। वहीं अब बिहार के किसानों को अब रवि फसल की बुवाई में कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बता दे कि पहले किसान डाएपी की कमी से परेशान रहते थे। ऐसे में अब इस नई खेप से उन्हें बहुत राहत मिलेगा।
बता दें कि बिहार राज्य में टोटल 2.45 लाख मिट्रिक टन डीएपी की जरूरत था। ऐसे में अब तक 2.24 लाख मिट्रिक टन डीएपी राज्य में आ चुके हैं यानी सिर्फ ₹21 मिट्रिक टन डीएपी आना शेष बचा हुआ है। वही इस महीने में बिहार राज्य को 70 हजार मिट्रिक टन डीएपी जरूर था। ऐसे में केंद्र सरकार ने इससे भी अधिक यानी 73000 मिट्रिक टन डीएपी बिहार राज्य मे भेज दिए हैं। इससे साफ पता चलता है कि सरकार बिहार राज्य के किसानों की जरूरत को पूरा करने के लिए जोर-शोर से तैयार हैं।
Farmers News : कुछ दिन पहले डीएपी की कमी को लेकर विधानसभा में हुआ था बहुत हंगामा
आप सभी को बता दे की कुछ दिन पहले डीएपी की कमी को लेकर विधानसभा में बहुत हंगामा हुआ था। अब ऐसे में कृषि मंत्री मंगल पांडे ने अपने शब्दों में कहे थे कि डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता है। ऐसे में उन्होंने किसानों को डीएपी मिलने का भरोसा दिलाए थे। वहीं नवंबर के तीसरे सप्ताह में बिहार राज्य को 1.75 मिट्रिक टन डाएपी जरूर थे। उस समय सिर्फ 1.35 लाख मिट्रिक टन डाएपी उपलब्ध हुए थे। यानी मांग के मुताबिक सिर्फ 77% डाएपी ही उपलब्ध हुए थे। अब ऐसे में नवंबर के अंत तक केंद्र ने 15 मिट्रिक टन डाएपी और भेज दिए थे।
Farmers News: जानिए डाएपी क्या है
अगर आपको भी पता नहीं है कि डाएपी क्या है तो आज के इस लेख में आपको बता दें कि डाएपी यानी डाई अमोनिया फॉस्फेट एक तरह का उर्वरक है। बता दे कि यह उर्वरक गेहूं जैसी फसलों के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसमें फास्फोरस और नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं। जो पौधों की अच्छी अच्छी वृद्धि करने के लिए बहुत ही आवश्यक होता है।
अब ऐसे में आप सभी को बता दें कि डाएपी की कमी के कारण पौधों की वृद्धि रुक जाता है और पैदावार कम हो जाता है। इसीलिए किसानों को समय पर डाएपी मिलना बहुत ही जरूरी है। अब जब डाएपी की आपूर्ति बढ़ गया है तो किसी भी बिना किसी टेंशन के अपनी फसलों की बुवाई कर सकेंगे।