Cheque Bounces Case : चेक बाउंस के मामले में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। बता दें की उच्च न्यायालय ने चेक बाउंस केस में सख्त फैसला सुनाते हुए कहे हैं कि गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसीलिए चेक वन से हमेशा लोगों को बचाना चाहिए यदि आपका भी चेक बाउंस हुआ है या होता है तो आपको कानूनी नियमों के तहत मामले को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। अन्यथा यह आपको भारी पड़ सकता है। आईए जानते हैं पूरी जानकारी विस्तार से।
Cheque Bounces Case : हाई कोर्ट ने निचली अदालत का निर्णय रखे हैं सुरक्षित, जानिए नीचे की लेख में पूरी रिपोर्ट
बता दे कि हाईकोर्ट में एक चेक बाउंस का मामला चल रहा था वहीं आरोपी ने चेक बाउंस केस में निचली अदालत का निर्णय चुनौती दिए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने निर्णय को बरकरार रखे हैं वहीं इस आरोपी को यह जानकर निराशा हुए हैं।
Cheque Bounces Case : चेक बाउंस मामले में अदालत ने दिए कठोर आदेश
बता दे की दिल्ली हाईकोर्ट में चेक बाउंस का मामला चल रहा था वही चेक बाउंस मामले में अदालत ने कठोर आदेश दिए हैं। बताने की दिल्ली हाई कोर्ट cheque bounce case) में न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की बैंच ने कहीं की अगर आरोपी नोटिस देने के बाद भी भुगतान नहीं करते हैं या नहीं कर पाते हैं तो इसके संबंधित व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। वही मामले में कोर्ट की बैंच ने कहीं की संबंधित व्यक्ति पर आपराधिक मुकदमे करने चाहिए। वही यह टिप्पणी पुनरीक्षण याचिका पर किए गए हैं।
संजय गुप्ता ने 2019 के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने की किए मांग
बता दे कि संजय गुप्ता ने 2019 के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने की मांग किए हैं। वही 2021 में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट का निर्णय एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सही ठहराए थे। वहीं अब यह मामला हाईकोर्ट में है।
बता दे की याचिकाकर्ता को मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने दोषी ठहराए थे साथ ही चेक बाउंस मामले में दोषी को 3 महीने की सजा भी सुने गए थे। वहीं सजा के अलावा उसे पर सात लाख रुपए का भारी जुर्माना भी लगाए गए थे। वही शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में मिलनी चाहिए थे। वहीं 4 महीने तक भुगतान न करने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा का आदेश दिए गए थे।
याचि हाई कोर्ट में सबूत नहीं दे पाए
बता दे की हाई कोर्ट की बैंच ने चेक बाउंस केस में याचिकाकर्ता ने चेक लेकर दावा किया कि संबंधित चेक गुम हो गए थे यानी खो गए थे लेकिन आरोपी ने अपने चेक से संबंधित इस शिकायत का कोई रिकॉर्ड नहीं बनाएं। वही याचिकाकर्ता ने बैंक में संबंधित चेक भुगतान रोकने की भी कोई चर्चा नहीं किए यही कारण है की बैंच ने निचली अदालत का निर्णय बरकरार रखे हैं।
यह था पूरी बातें
बता दे कि संजय गुप्ता ने हाई कोर्ट में चेक बाउंस याचिका लगाए थे वास्तव में याचिकाकर्ता ने कोटक महिंद्रा बैंक से चार लाख ₹800 का लोन लिए थे। वही यह ऋण 1 महीने के लिए लिए गए थे। ऐसे में संजय गुप्ता में इसके बदले बैंक में चेक भी दिए थे। चेक बैंक ने लगाया तो वह चिल्ला पड़े वही यद्यपि बैंक ने 15 दिन का नोटिस दिए थे लेकिन भुगतान नहीं हुए हैं।