Central Government Employees: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में यह अपील की थी। दरअसल, आंध्र प्रदेश के नांदयाल जिले में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारी ए सतीश पर जांच का मामला सामने आया था। सीबीआई केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारी ए सतीश कुमार के खिलाफ दो मामलों में रिश्वतखोरी की जांच कर रही थी।
हाईकोर्ट ने जांच रद्द कर दी
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। हाई कोर्ट ने सीबीआई की जांच रद्द कर दी। ये मामले भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे। यानी केंद्रीय कानून भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में लंबित थे।
ये कहा सुप्रीम कोर्ट ने
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी राज्य में कार्यरत केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है। राज्य में कार्यरत किसी केंद्रीय कर्मचारी के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से मंजूरी नहीं लेनी होगी।
यह कहा था हाईकोर्ट ने
दरअसल, आरोपी ने हाईकोर्ट में दलील दी कि 1990 में विभाजित आंध्र प्रदेश सरकार ने सीबीआई को जांच के लिए सामान्य अनुमति दी थी। जबकि 2014 में आंध्र प्रदेश दो राज्यों में विभाजित हो चुका है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अब राज्य हैं। इसके बाद अब आम सहमति खत्म हो गई है। मामले में उक्त कर्मचारी के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
यह कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सीटी रविकुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने देखा। सीबीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी की दलील को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई को जांच का अधिकार मिल गया है।
केंद्रीय कर्मचारियों की जांच का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला केंद्र सरकार के कर्मचारी के खिलाफ है। कर्मचारी के खिलाफ मामला भी केंद्रीय कानून के तहत है। ऐसे में सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।