Bihar News: बिहार में बिजली खपत पर नजर रखने के लिए राज्य के साढ़े तीन लाख ट्रांसफॉर्मर में से अब तक दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लगा दिए गए हैं। बिजली चोरी रोकने और बिजली आपूर्ति बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन एक लाख 97 हजार 892 ट्रांसफॉर्मर में से 69 फीसदी में मीटर लगा दिए गए हैं। वहीं, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन 63 फीसदी ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगा दिए गए हैं।
अप्रैल 2025 तक सभी ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाने का लक्ष्य
कंपनी ने तय किया है कि कृषि कनेक्शन से जुड़े ट्रांसफॉर्मर को छोड़कर राज्य के सभी ट्रांसफॉर्मर में अप्रैल 2025 तक मीटर लगा दिए जाएंगे। आरडीएसएस योजना के तहत यह काम शुरू हो गया है। इस योजना के जरिए बिजली चोरी पर लगाम लगाने के साथ-साथ मोहल्लों और गलियों में बिजली की खपत का भी सही अंदाजा लगाया जा सकेगा।
बिजली खपत की मोहल्लावार बनेगी रिपोर्ट
ट्रांसफार्मर में मीटर लगने के बाद मोहल्लों में बिजली खपत की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। मीटर की मदद से यह पता लगाया जा सकेगा कि किस ट्रांसफार्मर से कितनी बिजली खपत हो रही है और उसमें से कितनी बिजली का वैध और अवैध तरीके से उपयोग हो रहा है। इसी आधार पर बिजली चोरी रोकने के लिए औचक छापेमारी की जाएगी।
बिजली चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम
बिजली चोरी रोकने के लिए कंपनी ट्रांसफार्मरों की निगरानी करेगी और जरूरत पड़ने पर अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाएगी। ट्रांसफार्मरों में मीटर लगने से ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। इससे राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली मिल सकेगी।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली लोड का अध्ययन
बिहार में अब तक 50 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। इन मीटरों के जरिए बिजली खपत के तरीकों और लोड का अध्ययन किया जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि किस समय उपभोक्ता अधिक बिजली का उपयोग करते हैं और किस मौसम में खपत अधिक होती है।
क्षेत्रवार रिपोर्ट के आधार पर होगा सुधार
कंपनी क्षेत्रवार बिजली खपत की रिपोर्ट तैयार कर रही है। इसके आधार पर ग्रिड, सब-स्टेशन और फीडर की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इस कदम से ट्रिपिंग की समस्या को खत्म करने और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।