Bank Closed News : हमारे देश भारत में बैंकिंग सेक्टर काफी ज्यादा विस्तार हो चुका है। और यही वजह है कि चाहे वह प्राइवेट बैंक हो या फिर सरकारी बैंक सभी का संचालन आरबीआई के तरफ से किया जाता है। यही वजह है कि जब भी कोई बैंक वित्तीय समस्या में आ जाती है या फिर गिर जाती है तो ग्राहकों को नुकसान से बचने के लिए आरबीआई के तरफ से उसे बैंक पर जुर्माना लगाया जाता है या फिर उसे बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है आरबीआई की तरफ से इस बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है आईए जानते हैं। आईए जानते है पूरी खबर।
Bank Closed News : भारत का यह बैंक का लाइसेंस को किया गया रद्द।
RBI भारतीय रिजर्व बैंक भारत में जितने भी बैंक है उन सभी का हेड है। इसी वजह से रिजर्व बैंक भारत के प्राइवेट और सरकारी बैंक पर गाड़ी नजर रखता है। भारत में आम लोगों को तकलीफ ना हो इसीलिए आरबीआई के तरफ से यह जिम्मेदारी बनता है। इसी के चलते कोई भी प्राइवेट बैंक हो या फिर सरकारी बैंक हो वह ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं कर सकता है इस बात का खास ख्याल रखने के लिए आरबीआई बैंक समय-समय पर अनेक नियम बनाते भी रहते हैं।
यदि कोई बैंक आरबीआई के नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जाता है। वित्तीय स्थिति के प्रारूप को सही से ना चला पाना या फिर नियम का उल्लंघन करने वाले बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया जाता है। आरबीआई ने ऐसे ही हाल ही में एक द सिटी कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस को रद्द किया है।
Bank Closed : बैंक लाइसेंस को क्यों किया गया रद्द
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने जब द सिटी कोऑपरेटिव बैंक की आंकड़े देखा तो वह पाया की कमाई की संभावना और पर्याप्त पूंजी इसके पास नहीं है यह बैंक आगे नहीं चल पाएगा। इसी के चलते आरबीआई के तरफ से द सिटी कोऑपरेटिव बैंक महाराष्ट्र का भी लाइसेंस कैंसल कर दिया। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक के सहकारी समितियां के रजिस्टर को बैंक के कार्यों पर रोक लगाने के लिए एलुकेटर की नियुक्ति करने का आदेश भी दिया। आरबीआई ने अपने आदेश में यह बताया कि यह सरकारी बैंक के सभी काम बंद कर दिए गए हैं।
इस बैंक के ग्राहक का क्या होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आदेश के बाद इस बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया। लेकिन लाइसेंस रद्द होने के बाद ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं होगा। आरबीआई के नियम के अनुसार जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी वापस मिलेगा लेकिन जाम बीमा और ऋण गारंटी निगम के अंतर्गत 5 लख रुपए ही वापस मिलेंगे। ग्राहक किसके लिए दावा भी कर सकते हैं। बैंक के लगभग 87% जमाकर्ताओं को उनके जमा की पूरी राशि मिल जाएगा। डीआईसीजीसी ने पहले ही कल विमित राशि में से 230.99 करोड रुपए का भुगतान कर दिया है।
आरबीआई के तरफ से दिया गया यह जानकारी
आरबीआई की तरफ से कहा गया कि अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने मौजूदा जमा करता हूं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। अगर उसे अपना बैंकिंग कारोबार आगे भी जारी रखना है तो इसकी अनुमति दी गई है इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
इस बैंक पर रोक लगाने का बड़ा कारण यह भी है कि इस बैंक के पास अब कमाई की कोई भी संभावना नहीं है। ग्राहकों से बैंक में पैसे जमा करवा चुके हैं अब उनका भी भुगतान कर पाना बहुत ही मुश्किल है। यदि बैंकों को अपना काम जारी रखने की अनुमति दिया जाता है तो इससे ग्राहकों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। आरबीआई के आदेश के बाद अब बैंक के नहीं पैसे को जमा कर पाएंगे और ना ही किसी को ऋण दे पाएंगे। कुछ समय पहले केंद्रीय बैंक ने एक और बैंक का लाइसेंस को इसी तरह का से रद्द कर दिया था।