सैनी सरकार का एलान, इन लोगों को दोबारा बनवाना पड़ेगा जाति प्रमाण पत्र

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Haryana News:जाति प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और आरक्षण संबंधी सुविधाओं का उपयोग करने के लिए आवश्यक होता है। कई सरकारी नौकरियों, छात्रवृत्तियों, और अन्य सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लिए जाति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता होती है। बिना इसके कई जरूरी सरकारी कार्य बाधित हो सकते हैं।

दोबारा बनवाना पड़ेगा जाति प्रमाण पत्र

हाल ही में कुछ जातियों को अपने जाति प्रमाण पत्र को दोबारा बनवाने की आवश्यकता पड़ी है। इसका मुख्य कारण यह है कि पहले इन जातियों का एससी (अनुसूचित जाति) प्रमाण पत्र बनता था, लेकिन अब इन्हें दो वर्गों में विभाजित कर दिया गया है। इसी बदलाव के कारण अब इन जातियों को डीएससी (विभाजित अनुसूचित जाति) प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य हो गया है।

देखिए लिस्ट

सरकार द्वारा जारी सूची में कुल 36 जातियों के नाम शामिल हैं, जिन्हें अब डीएससी प्रमाण पत्र बनवाना होगा। इनमें धानक, बाल्मीकि, बंगाली, बरार, बटवाल, बौरिया, बाजीगर, भंजरा, चनाल, दागी, दारैन, देहा, धर्मी, ढोगरी, डुमना, गागरा, गांधीला, कबीरपंथी, खटीक, कोरी, मारिजा, मजहबी, मेघ, नट, ओड, पासी, पेरना, फेरेरा, सनहाई, सनहाल, सांसी, सनसोई, सपेला, सरेरा, सिकलीगर और सिरकीबंद जातियाँ शामिल हैं। इन जातियों के व्यक्तियों को नए सिरे से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक होगा।

जरूरी दस्तावेज

जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, स्वप्रमाणित घोषणा पत्र (Affidavit), पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस शामिल हैं।

इन दस्तावेजों को जमा करने के बाद संबंधित विभाग द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र जातिगत पहचान को सत्यापित करने और सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। अतः जिन जातियों को दोबारा प्रमाण पत्र बनवाने की आवश्यकता है, वे जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करें, ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें और किसी भी असुविधा से बच सकें।

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