UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए एक पीसीएस अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है, जबकि दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित दोनों पीसीएस अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
अपर जिलाधिकारी स्तर के पीसीएस अधिकारी गणेश प्रसाद सिंह को इससे पहले जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया था।
आरोप है कि कुशीनगर में रहते हुए उन्होंने नियमों के विरुद्ध ग्राम समाज की जमीन का पट्टा किया। शासन ने इस संबंध में कुशीनगर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें अनियमितताओं की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। इसके अलावा बरेली-पीलीभीत-सीतापुर हाईवे और बरेली रिंग रोड के निर्माण में भूमि अधिग्रहण में करोड़ों के घोटाले के आरोप में दो पीसीएस अधिकारी आशीष कुमार और मदन कुमार को निलंबित कर दिया गया है।शासन ने इस संबंध में कुशीनगर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें अनियमितताओं की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया था।
आशीष कुमार वर्तमान में एडीएम बरेली और मदन कुमार मऊ में एडीएम के पद पर तैनात हैं। इन दोनों अफसरों पर बरेली में तैनाती के दौरान जमीन घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
इन दोनों अफसरों को राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है। इससे पहले बरेली-पीलीभीत-सीतापुर हाईवे और बरेली रिंग रोड के निर्माण में हुए भूमि अधिग्रहण घोटाले में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को भी निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा घोटाले में शामिल 15 अन्य आरोपियों को भी निलंबित किया जा चुका है। हाईवे निर्माण के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आ चुका है।