MP Board News: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं, 12वीं की परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। एमपी बोर्ड परीक्षा में पूरक या सप्लीमेंट्री परीक्षा की प्रथा को खत्म किया जा रहा है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि एमपी बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाएगा। एमपी बोर्ड अब 10वीं, 12वीं की परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का मौका देगा।
पूरे देश में नई शिक्षा नीति 2020 लागू की जा रही है (नई शिक्षा नीति 2020)। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यह फैसला लिया है। छात्रों का फाइनल रिजल्ट दूसरी परीक्षा (एमपी बोर्ड 10, 12 परीक्षा 2025) होने के बाद ही तैयार किया जाएगा। यह नियम शैक्षणिक सत्र 2024-25 की परीक्षा से लागू होगा। साल में दो बार बोर्ड परीक्षा का मॉडल गुजरात और छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है।
अब तक क्या होता था?
एमपी बोर्ड परीक्षा में 1 विषय में फेल होने वाले छात्रों को स्टेट ओपन बोर्ड की ‘रुक जाना नहीं’ योजना के तहत सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका मिलता था। लेकिन अब नई शिक्षा नीति लागू होने से कई विषयों में फेल होने वाले छात्र भी दोबारा परीक्षा दे सकेंगे। यह परीक्षा जुलाई में होगी। 2024 में एमपी बोर्ड 10वीं, 12वीं परीक्षा में करीब 2.20 लाख छात्रों को सप्लीमेंट्री मिली और 5.60 लाख छात्र फेल हुए। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इस पर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
लाखों छात्रों को होगा फायदा
एमपी बोर्ड परीक्षा में 1 से ज्यादा विषयों में फेल होने वाले छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाता था। उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा देने की अनुमति नहीं थी। लेकिन एमपी बोर्ड परीक्षा के नए मॉडल के जरिए दो से ज्यादा विषयों में फेल होने वाले छात्र भी जुलाई में होने वाली दूसरी परीक्षा दे सकेंगे। एमपी बोर्ड परीक्षा में अगर छात्र को कम नंबर भी मिलते हैं तो वह सभी विषयों की परीक्षा दोबारा दे सकता है। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की इस पहल से लाखों विद्यार्थियों का भविष्य संवरेगा।