New Rail Corridor : यूपी और हरियाणा के बीच बनेगा रेल कॉरिडोर, कई जिलों से होकर गुजरेंगी ट्रेनें

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

New Rail Corridor :  उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यातायात संपर्क को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। आने वाले समय में हाईवे, एक्सप्रेसवे और रेल मार्गों के विस्तार से दोनों राज्यों के लोगों को काफी फायदा होगा। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (New Rail Corridor) मिलेगा, जिसमें दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा शामिल होंगे। यह यूपी की बड़ी योजना है जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा को एक करेगी। इस परियोजना से क्षेत्र का आर्थिक विकास और यातायात बेहतर होगा।

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच सफर आसान होने जा रहा है। ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बागपत, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर को शामिल किया जाएगा। जब मालगाड़ियां इस कॉरिडोर से गुजरेंगी तो यह उद्योग के लिए वरदान साबित होंगी।

दिल्ली-एनसीआर को सरकारी परिवहन से जोड़ा जाएगा

पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस कॉरिडोर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे बड़े शहरों को जोड़ेगा। इस कॉरिडोर के बनने से हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, परिवहन आसान होगा और प्रदूषण भी कम होगा।

कितने किलोमीटर का होगा कॉरिडोर?

यह कॉरिडोर करीब 135 किलोमीटर का होगा। इस कॉरिडोर से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए दिल्ली-एनसीआर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यूपी में 90 किलोमीटर का क्षेत्र

इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 135 किलोमीटर है। इसमें हरियाणा में 45 किलोमीटर और यूपी में 90 किलोमीटर का हिस्सा होगा। इस कॉरिडोर के बनने से उत्तर प्रदेश के जेवर एयरपोर्ट, दादरी, न्यू बोड़ाकी डीएफसी, डीएनजीआईआर, ग्रेटर नोएडा फेज-2, गाजियाबाद, मेरठ और बागपत जिलों के लोगों को फायदा होगा। 45 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा का होगा।

कब पूरा होगा?

यह कॉरिडोर 2030 तक बनकर तैयार हो जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बनने से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेलमार्गों पर दबाव कम होगा। यानी ट्रैफिक कम होगा। प्रदूषण भी कम होगा। यह उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई लॉजिस्टिक हब से जुड़ जाएगा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment