Land Possession : वर्तमान समय में आमतौर पर देखा जाता है कि गांव में लोक पंचायती जमीन पर अपना घर बनाकर वहां रहने लगते हैं। जब काफी समय गुजर जाता है तो उनका कब्जा समझ लिया जाता है। वहीं अब इस तरह से लंबे अरसे से पंचायती जमीन पर मकान बनाकर रहने वाले व्यक्तियों को सरकार ने मालिकाना हक प्रदान करने का नियम बनाए हैं।
बता दे की इसके लिए एक निश्चित समय अवधि भी तय किए गए हैं। वहीं पंचायती जमीन पर मालिकाना हक मिलने के बाद कब्जा धारक व्यक्ति के पास प्रॉपर्टी को बेचने के लिए अधिकार भी होंगे आईए और जानकारी जानते हैं नीचे की लेख में।
Land Possession : इस राज्य सरकार ने लिया बहुत ही बड़ा फैसला
बता दे की हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुए हैं। वह इस बैठक में हरियाणा विलेज कामन लैंड नियमितकरण एक्ट 1961 में संशोधन करने को मंजूरी प्रदान कर दिए हैं।
बता दे कि इस नियम के मुताबिक का पंचायती जमीन पर रह रहे लोग 500 वर्ग गज तक जमीन पर बने मकान का मालिकाना है की प्राप्ति कर सकेंगे। वही मलिक आना है कि मिलने के बाद व्यक्तियों को यह संपत्ति किसी भी दाम पर और किसी को भी बेचने का अधिकार प्राप्त हो जाएंगे।
Land Possession : मुख्यमंत्री ने जारी किए बहुत ही बड़ा अपडेट
आपको बता दें कि मंत्रिमंडल के फसलों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने बतलाए कि कई बार प्राकृतीक आपदा जल बहाव और बाढ़ की वजह से लोगों के घर उजड़ जाते थे। ऐसे में उन्हें गांव में जहां जगह मिलते थे वे वहां पर अपना घर बनाकर ही रहने लग जाते थे लेकिन ऐसे घरों के मलिक वे कभी नहीं बन पाए। वही मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने कहां की उनके ऊपर मकान गिरने की मुश्किल हमेशा ही बने रहते हैं।
ऐसे में कई बार वे लोग इस बात का विरोध करने के लिए कोर्ट में भी चले जाते थे। वहीं कई बार तो कोर्ट के आदेश भी मकान को गिराने को हो जाते थे। वहीं इन सभी परेशानियों को देखते हुए सरकार ने इस समस्या को प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए एक काफी बड़ा निर्णय लिए हैं।
इन व्यक्तियों को मिलेगा मालिक हक
बता दे की मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए अपने शब्दों में बतलाएं कि जिन लोगों ने 20 वर्ष से पंचायती जमीन पर मकान को बनाए हुए हैं एवं उसे मकान में 20 वर्ष से रह रहे हैं। अब वे उन जमीने के कलेक्टर रेट भुगतान करके जमीन और मकान पर मलिक आना हक को ले सकते हैं। वही 500 वर्ग गज तक जमीन पर बने मकानो में ये सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में भूमि को वार्ड में किसी भी रेट पर बेचा जा सकता है।
इस हिसाब से देना होगा रेट
आपको बता दें कि यह सरकार के ऊपर पूरी तरह से निर्भर है कि 2004 के कलेक्टर रेट के हिसाब से हुआ जमीन के रेट निर्धारित करते हैं। या नहीं पहले अनुमोदन का अधिकार राज्य सरकार के पास ही थे लेकिन अब डायरेक्ट पंचायत के पास इसका अधिकार हो गया है। वही एक साल के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्णय लिए जाएंगे।
कहां पर है सबसे ज्यादा कब्जा ,जानिए नीचे की लेख में
आप सभी को जानकारी के लिए बता दें कि कई तो गांव के गांव है। जहां पर लोगों ने पंचायती जमीन पर मकान को बनाया हुआ है। वही जमुना व मारकंडा नदियों के किनारे वाले गांवों को इसकी वजह से सबसे ज्यादा फायदा हो रहे हैं। क्योंकि बाढ़ के बाद लोगों के घर बदल गए थे। इसके बाद उनको पंचायती जमीन पर घर बनाना पड़ गया था।
कब्जा धारकों को मिला इतना समय
आपको बता दें कि नायाब सैनी ने अपने शब्दों में बताएं कि सरकार ने सभी कब्जा धारकों को एक वर्ष का वक्त दिए हैं। वही एक वर्ष के अंदर ही इन लोगों को मकान की फीस का भुगतान करने होंगे। और मकान को अपने नाम पर करवाना होगा वही पहले इस तरह के मामले मंत्रिमंडल की बैठक में आते थे और उन पर अंतिम निर्णय लिए जाते थे।
बता दे कि अब नियमों में बदलाव करते हुए निर्देशक पंचायत विभाग को अधिकृत कर दिए गए हैं। क्योंकि अब भारी मात्रा में कैसे आ रहे हैं तो उन्हें बड़ी-बड़ी से मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं ले जा सकते हैं।