Tanant Landlord Rights : वर्तमान समय में हर कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी में पैसा निवेश करना चाहते हैं ताकि उसे प्रॉपर्टी में निवेश किए गए पैसे से वह भविष्य में कमाई का सोर्स बना सकें। इसीलिए वर्तमान समय में लोग प्रॉपर्टी खरीद कर या तो छोड़ देते हैं या उसे किराए पर लगा देते हैं। परंतु आपको आपका एक गलती महंगा पड़ सकता है। वही भविष्य मैं काम आने के लिए खरीदी गई प्रॉपर्टी से आप भविष्य में हाथ धो बैठ सकते हैं। आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Tanant Landlord Rights : किरदार बन जाते हैं प्रॉपर्टी का मालिक
बता दे कि कई बार ऐसा होता है कि मकान मालिक को प्रॉपर्टी खरीद कर छोड़ देते है और उसे किराए पर ही छोड़ देते हैं। फिर जिस व्यक्ति को किराए पर प्रॉपर्टी दिए हैं वहीं पर पति पर कब्जा जमाने लगते हैं। ऐसे में कई बार तो वह प्रॉपर्टी का मालिक भी बन जाते हैं। अब ऐसे में सवाल उठना है कि ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन ऐसा कानूनी रूप से संभव है आईए जानते हैं कैसे।
Tanant Landlord Rights : इनकम करने का अच्छा सोर्स होता है किराया
बताने की अगर किसी के पास खाली संपत्ति है तो वह उसे पर दुकान या मकान बनाकर किराए पर दे देते हैं। अब ऐसे में किराया इनकम के लिए एक अच्छा सच होता है। लेकिन किराए पर जमीन देते हुए अक्सर कुछ गलतियां मकान मालिक कर देते हैं। वही जब भी कोई मकान मालिक अपनी प्रॉपर्टी खाली करने की सोचते हैं तो कुछ किराएदार प्रॉपर्टी पर कब्जा जमाने लगते हैं।
आप सभी लोगों को ये नियम जानना है बहुत जरूरी
अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में किसी कानूनी अधिकार के तहत मकान मालिक की संपत्ति पर किराएदार हक जमा सकते हैं, बता दें कि अगर ऐसा है तो क्या कानून है तो बता दें कि ऐसा हो सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ नियम और कानून है।
वहीं अगर मकान मालिक को इन नियम कानून का पता है तो आपकी संपत्ति सुरक्षित रहेगी और आप किराया वसूलते रहेंगे। लेकिन नहीं पता है तो आपको किराया मिलना तो बंद होगा ही वही कोर्ट कचहरी के चक्कर कटेंगे और प्रॉपर्टी हाथ से निकल जाएंगे।
यह है कानून के नियम, जानिए नीचे की लेख में
आपको बता दें कि वैसे तो किराएदार किसी की संपत्ति पर अधिकार नहीं जमा सकते हैं हालांकि किराएदार का मालिक की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है लेकिन तय समय तक ही ऐसा होता है। वही ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के अनुसार एडवर्स पजेशन में यह मामला आता है।
बता दें कि इस नियम के तहत कब्जाधारी आपकी संपत्ति को बचाने तक का अधिकार रखते हैं। वहीं इसमें अगर कोई बिना किसी हस्तक्षेप के 12 साल तक किसी संपत्ति पर रहता है तो एडवर्स पजेशन के तहत संपत्ति पर अधिकार जमा सकते हैं।
12 साल बाद जाता सकते हैं संपत्ति पर अधिकार
आपको बता दें कि किसी संपत्ति पर कोई व्यक्ति लगातार 12 वर्ष तक रहता है तो वहां मी उसके नाम होता है। वही पानी का बिल वहां भर रहा होता है तो 12 वर्ष तक प्रॉपर्टी की पूरी देखरेख वह रख रहे हैं तो कानूनी तौर पर वह उसे जमीन पर कब्जा जमा सकते हैं। वही व्यक्ति उस संपत्ति पर अपना अधिकार भी जमा सकते हैं।
किरायानाम बचाएगा आपकी प्रॉपर्टी
वही मकान मालिक को भी अपने अधिकार पता होने चाहिए उसे किरायानाम यानी किराएदार से रेंट एग्रीमेंट बनवा लेने चाहिए। ऐसे में कोई आपकी संपत्ति पर कब्जा नहीं जमा सकेंगे वहीं आपकी संपत्ति आपका नाम ही रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का भी आया फैसला
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले में लिमिटेशन एक्ट 1963 के अंतर्गत फैसला दिए हैं। वहीं इसमें निजी आंचल संपत्ति पर इमिटेशन की वैधानिक अवधि 12 वर्ष है। वही सरकारी आंचल संपत्ति किस समय सीमा 30 वर्ष है। वही कोई व्यक्ति किसी आंचल संपत्ति पर 12 साल से कब्जा किए हुए हैं तो कानून भी उसी प्रॉपर्टी के साथ है।
इन तरीकों से बचाए अपनी संपत्ति
बता दे की मकान मालिक किराएदार के किराए न देने पर उसका बिजली और पानी का कनेक्शन बिल्कुल भी ना काटे। वह संपत्ति पर अपने नाम से कनेक्शन ले सकते हैं। वही यह बाद में तकलीफ दे सकते हैं।
- रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाएं।
- अपने नाम से ही हमेशा प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट बनवाएं।
- वही कोई कब्जा जमाने लगे तो प्रॉपर्टी खाली करने के लिए किराएदार पर ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाएं। वही आप पुलिस की सहायता भी ले सकते हैं।
- बता दे कि घर खाली करने के लिए लीगल नोटिस भेजते रहें।
- वही कानून का सहारा लें और कोर्ट में केस दर्ज करवाए।