MP Board Exam: मध्य प्रदेश में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एमपी माध्यमिक शिक्षा मंडल (MSHIM) ने भी इस बार कुछ अहम बदलाव करने की बात कही है। जिसमें सबसे अहम यह है कि अब प्रदेश के सभी जिलों में कलेक्टर फ्लाइंग स्क्वॉड का गठन करेंगे। पहले फ्लाइंग स्क्वॉड का गठन स्कूल शिक्षा विभाग खुद करता था, लेकिन अब यह काम जिला कलेक्टर के हाथ में होगा, क्योंकि कलेक्टर जिले की परिस्थिति को समझते हैं, इसलिए इस साल की बोर्ड परीक्षाओं में यह व्यवस्था लागू होगी।
संवेदनशील केंद्रों पर रहेगी नजर
दरअसल, इस बार मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं के लिए करीब 550 संवेदनशील परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जिन जिलों में सबसे ज्यादा संवेदनशील केंद्र हैं, उन पर सबसे ज्यादा नजर रखी जाएगी। जिले के कलेक्टर अपने हिसाब से टीमें बनाएंगे और उनकी लगातार निगरानी भी करेंगे। वहीं इस बार परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी की व्यवस्था भी रहेगी, ताकि किसी भी तरह की नकल होने की स्थिति में भी सबकुछ रिकॉर्ड होने की संभावना रहेगी।
खास बात यह है कि परीक्षा की निगरानी के लिए एक ऐप भी बनाया गया है, जैसे ही टीम रवाना होगी, उसे माशिमं द्वारा तैयार किए गए ऐप में रजिस्टर करना होगा कि वह कहां चेकिंग करने जा रही है। ऐसे में इसके जरिए उनकी ट्रैकिंग हो जाएगी, वहीं सर्वर के जरिए पता चल जाएगा कि परीक्षा केंद्र पर कोई गड़बड़ी है या नहीं। ऐसे में इस बार परीक्षा की निगरानी तकनीकी माध्यमों से भी की जाएगी। इस बार प्रश्नपत्रों के बंडल भी सीधे परीक्षा हॉल में खोले जाएंगे। ताकि पेपर लीक होने की संभावना न रहे। पिछले साल भी पेपर लीक होने के मामले सामने आए थे।
17 लाख छात्र
इस बार मध्य प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं में 17 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे, जिनकी निगरानी के लिए करीब 50 हजार कर्मचारी तैनात रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों की भी सेवाएं ली जाएंगी।