UP Board Exam 2025: बोर्ड परीक्षा की प्रायोगिक परीक्षा को लेकर सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है। अब परीक्षक को स्कूल पहुंचकर ही एप के जरिए प्रश्नपत्र डाउनलोड करना होगा। प्रायोगिक परीक्षा देने के बाद परीक्षार्थी को दिए जाने वाले अंक तत्काल ऑनलाइन करने होंगे। इसको लेकर परीक्षा की शुचिता बनाए रखने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
बोर्ड परीक्षा में इंटर के लिए प्रायोगिक परीक्षा होती है। इस बार यह परीक्षा एक फरवरी से शुरू हो रही है, जो आठ फरवरी तक चलेगी। पहले परीक्षक कॉलेज में जाकर विषय तर्क के अनुसार अपनी मर्जी से प्रश्न पूछते थे। इसके बाद अंक दिए जाते थे। इस साल से सरकार ने यह व्यवस्था बदल दी है।
मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा
अब परीक्षक को कॉलेज जाकर अपने मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करना होगा। एप डाउनलोड करने के बाद परीक्षक को आवंटित यूजर आईडी भरनी होगी। परीक्षक का पासवर्ड उसकी जन्मतिथि होगी। ऐसा करने पर मोबाइल स्क्रीन पर दिखाए गए प्रश्न दिखाई देंगे।
उन्हीं प्रश्नों के उत्तर विद्यार्थियों से लिए जाएंगे। परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने के बाद एप पर दिए गए अंक तुरंत भरने होंगे। इस नई व्यवस्था से प्रायोगिक परीक्षाओं में देरी नहीं होगी। पहले परीक्षक जिस विद्यार्थी को अधिक अंक देना चाहता था, उससे सरल प्रश्न पूछता था या औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मनचाहा अंक दे देता था।
जिस विद्यार्थी को कम अंक देने होते थे, उससे कठिन प्रश्न पूछे जाते थे। इसमें विद्यालय प्रबंधन भी प्रायोगिक परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने के नाम पर विद्यार्थियों से पैसे ऐंठ लेता था। अब इससे राहत मिलेगी।
कॉलेज से 200 मीटर की दूरी पर ही डाउनलोड होगा एप प्रायोगिक परीक्षा के लिए जो एप डाउनलोड करना होगा, उसे विद्यालय से दो सौ मीटर की दूरी पर ही डाउनलोड किया जा सकेगा।
यदि परीक्षक महाविद्यालय की सीमा से दो सौ मीटर से अधिक दूर चला जाएगा, तो एप अपने आप डिलीट हो जाएगा। यह काम नहीं कर सकेगा। इस वजह से परीक्षक को विद्यालय आकर ही प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी। वह घर बैठे मनमाने ढंग से प्रैक्टिकल के अंक नहीं बांट सकेंगे।
नेटवर्क की समस्या बन रही बाधा बताया जा रहा है कि शासन की इस नई व्यवस्था में अब नेटवर्क की समस्या बाधा बन रही है। अधिकांश परीक्षकों का कहना है कि जिस स्कूल में वे प्रैक्टिकल देने जाते हैं, वहां कुछ दूरी पर मोबाइल टावर का नेटवर्क होता है।
ऐसे में यदि वे स्कूल में जाकर एप डाउनलोड भी करते हैं तो उसकी लोकेशन काफी दूर लगती है। इसलिए जिस स्कूल में नेटवर्क है, उस क्षेत्र में जाकर एप डाउनलोड करना पड़ता है। इसके बाद परीक्षा केंद्र या टावर की परिधि में रहकर परीक्षा कराई जाती है।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. एसएन यादव ने बताया कि शासन ने ऑनलाइन प्रैक्टिकल परीक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शुरुआती दौर में परीक्षकों को विधि समझने में थोड़ी परेशानी आ रही है। पूरी कोशिश की जा रही है कि स्कूल में ही प्रैक्टिकल कराए जाएं। एक फरवरी से प्रैक्टिकल कराए जा रहे हैं।