UP PM Awas Yojana: उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत अब निम्न, मध्यम और मध्य आय वर्ग के परिवारों को किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के माध्यम से बुजुर्गों, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत 12 महीने या उससे कम समय में अपना घर बनाने वाले लाभार्थियों को 10,000 रुपये का पुरस्कार भी मिलेगा।
योजना के तहत 300 से 500 वर्ग फीट के आवास बनाए जाएंगे, जिनकी लागत 1.20 लाख रुपये होगी। इन आवासों का निर्माण 75 जिलों में किया जाएगा, जिससे लगभग 1 लाख फ्लैट्स का निर्माण होगा।
आवेदन प्रक्रिया के लिए “आवास प्लस एप” लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस एप के माध्यम से सर्वेक्षण और आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाया गया है।
इस योजना के तहत पात्रता मानकों में भी बदलाव किया गया है। अब 15,000 रुपये तक मासिक आय वाले लोग भी पात्र होंगे, जबकि पहले यह सीमा 10,000 रुपये थी। इसके अलावा, जिनके पास बाइक, मोबाइल या फ्रिज था, उन्हें पहले अपात्र माना जाता था, लेकिन अब इन मानकों में भी संशोधन किया गया है।
इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को किफायती आवास उपलब्ध कराना है, जिससे राज्य में आवास की कमी को दूर किया जा सके।
उत्तर प्रदेश शहरी आवास योजना (PM Awas Yojana – Urban) के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी:
1. लाभार्थी चयन और आवेदन प्रक्रिया:
इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का चयन पूरी तरह से ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।
आवास प्लस ऐप के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया सरल और प्रभावी बनाई गई है। इस ऐप में आवास की स्थिति का सत्यापन भी किया जाता है।
2. योजना का विस्तार:
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में लगभग 1 लाख से ज्यादा फ्लैट्स का निर्माण किया जाएगा।
इस योजना में किफायती आवास निर्माण के लिए 300 से 500 वर्ग फीट के घर बनाए जाएंगे, जिनकी लागत ₹1.20 लाख तक होगी।
3. नए मानदंड:
अब ऐसे लोग भी इस योजना के तहत घर पाने के लिए पात्र होंगे जिनकी मासिक आय ₹15,000 तक है। पहले यह सीमा ₹10,000 थी।
इसके अतिरिक्त, यदि किसी के पास बाइक या मोबाइल है, तो उन्हें भी इस योजना से बाहर नहीं किया जाएगा, जैसा पहले था।
4. आवास का प्रकार:
आवास का निर्माण मुख्य रूप से किफायती श्रेणी का होगा, जिसमें शहरी गरीबों और अन्य कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
5. नियमित मॉनिटरिंग:
योजना की निगरानी के लिए सरकार द्वारा राज्य स्तर पर विशेष टीमों की नियुक्ति की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवास की गुणवत्ता और निर्माण कार्य समय से पूरा हो।
6. विशेष प्रोत्साहन:
ऐसे लाभार्थियों को जो 12 महीने या उससे कम समय में अपना घर बना लेते हैं, ₹10,000 का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।