Self Employment Scheme: योगी सरकार यूपी के युवाओं के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के जरिए युवा खूब लाभ भी उठा रहे हैं। ऐसी ही एक योजना है स्वरोजगार योजना। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए यह योजना शुरू की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ की फ्लैगशिप योजना ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ (MYSY) और ‘मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना’ (MMGRY) शानदार प्रदर्शन करती नजर आ रही हैं।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत अब तक यूपी में 6 हजार से ज्यादा युवाओं के छोटे-बड़े उद्यमों को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत स्वीकृत 723 इकाइयों में से 605 को धनराशि मुहैया कराई जा चुकी है। हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के समक्ष प्रस्तुत राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की तिमाही रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक समीर रंजन पांडा ने बताया कि योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना तथा अन्य युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
इसके तहत यूपी सरकार युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें तथा अपना व्यवसाय सफलतापूर्वक चला सकें। प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 7500 इकाइयों को धनराशि उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष अब तक 6259 इकाइयों को शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
वहीं, अब तक 5648 इकाइयों को धनराशि वितरित की जा चुकी है। इसमें कुल मार्जिन मनी प्रारम्भ में 14550 लाख रुपये निर्धारित की गई थी, जिससे अधिक की धनराशि अब तक 16360 लाख रुपये स्वीकृत की जा चुकी है, जबकि युवाओं को 14821 लाख रुपये वितरित भी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना की बात करें तो 800 इकाइयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 90 प्रतिशत से अधिक यानी 723 इकाइयों को मंजूरी दी जा चुकी है और लक्ष्य का 76 प्रतिशत यानी 605 इकाइयों को लाभान्वित किया जा चुका है।
युवाओं के उद्यम के सपने को साकार कर रही है योजना
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख योजना है। इस योजना की शुरुआत सितंबर 2018 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को उद्यम के अपने सपने को साकार करने के लिए वित्तीय सहायता और अन्य सहायता प्रदान करना है। इसके तहत यूपी सरकार पात्र आवेदकों को उद्योग स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपये तक और सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है। इस योजना की नोडल एजेंसी डीआईसी, कानपुर है। पात्रता के लिए आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत पात्र लाभार्थी उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, जिसकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता न्यूनतम हाईस्कूल होनी चाहिए तथा वह किसी राष्ट्रीयकृत बैंक का डिफॉल्टर न हो। उसकी (ओबीसी, अल्पसंख्यक एवं सामान्य वर्ग की) सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। जबकि एससी-एसटी वर्ग के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।