UP Government News: उत्तर प्रदेश के सरकारी माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई महंगी होने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग स्कूलों में छात्रों से ली जाने वाली सभी फीस में मौजूदा महंगाई दर के आधार पर बढ़ोतरी करने जा रहा है। स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। शासन की मंजूरी के बाद माध्यमिक स्कूलों की सभी फीस में बढ़ोतरी हो जाएगी।
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में वर्ष 2010 के बाद से किसी भी तरह की फीस में बढ़ोतरी नहीं की गई है। अभी भी परीक्षा शुल्क 25 रुपये प्रति छात्र और बिजली शुल्क 20 रुपये प्रति छात्र है। कई ऐसे शुल्क हैं जो 10 से 20 रुपये प्रति छात्र के बीच हैं।
इस बीच, पिछले 14 सालों में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे स्कूलों का बजट बुरी तरह गड़बड़ाने लगा है। स्कूल प्रबंधन या प्रशासन खासकर प्रधानाचार्यों को राष्ट्रीय पर्व, सर्वांगीण विकास, खेल, चोट, परीक्षा आदि तमाम तरह की गतिविधियों पर होने वाले अतिरिक्त खर्च की भरपाई करनी पड़ती है।
बढ़ती महंगाई के कारण अब ये खर्च काफी मुश्किल हो रहे हैं। ऊपर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट) के तहत कक्षा आठ तक मुफ्त शिक्षा के प्रावधानों ने स्कूलों की माली हालत की कमर तोड़ दी है।
सरकार ने पांच बैठकें की, मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा
नतीजतन, स्कूलों में फीस बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेश भर के हजारों प्रधानाध्यापक कई बार माध्यमिक शिक्षा निदेशक का घेराव कर चुके हैं। इस प्रस्ताव को लेकर अब तक शासन स्तर पर पांच बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें सभी मदों की फीस बढ़ाने पर सहमति बन गई है। सूत्रों का कहना है कि शासन ने विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी को मुख्यमंत्री सचिवालय भेज दिया है।
उत्तर प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई महंगी होने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग मौजूदा महंगाई दर के आधार पर स्कूलों में छात्रों से ली जाने वाली सभी फीस में बढ़ोतरी करने जा रहा है। स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। शासन की मंजूरी के बाद माध्यमिक विद्यालयों की सभी फीस में बढ़ोतरी कर दी जाएगी।